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सिविल अस्पताल में भी होंगे कोरोना के टेस्ट, नेशनल टीबी एलीमीनेशन प्रोग्राम के तहत मिली मशीन

मशीन से टीबी के अलावा अन्य लोगों के भी कोरोना टेस्ट किए जाएंगे। मशीन की क्षमता एक समय पर दो मरीजों के सैंपल जांचने की है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 04:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 04:55 PM (IST)
सिविल अस्पताल में भी होंगे कोरोना के टेस्ट, नेशनल टीबी एलीमीनेशन प्रोग्राम के तहत मिली मशीन
सिविल अस्पताल में भी होंगे कोरोना के टेस्ट, नेशनल टीबी एलीमीनेशन प्रोग्राम के तहत मिली मशीन

जालंधर, जेएनएन। सिविल अस्पताल के टीबी विभाग में कोरोना के मरीजों के सेंपलों की जांच करने के लिए ट्रियूनेट मशीन की स्थापना कर दी गई है। मशीन से टीबी के अलावा अन्य मरीजों के भी सैंपलों की भी जांच की जाएगी। सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. हरिंदर पाल सिंह ने बताया कि नेशनल टीबी एलीमीनेशन प्रोग्राम (एनटीबीईपी) के तहत जालंधर को ट्रियूनेट की मशीन मिली है। मशीन से टीबी के अलावा अन्य लोगों के भी कोरोना टेस्ट किए जाएंगे। मशीन की क्षमता एक समय पर दो मरीजों के सैंपल जांचने की है। एक सैंपल जांचने के लिए करीब सवा घंटे का समय लगता है।

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रोजाना करीब 8-10 सैंपलों की जांच

मशीन की काम करने की क्षमता 8 से 10 घंटे है। रोजाना करीब आठ मरीजों के सैंपलों की जांच की जाएगी। इनमें उन्हीं मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे जो इमरजेंसी होंगे। शेष सैंपलों की जांच सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर में होगी। अस्पताल की माइक्रोबायोलाजिस्ट डॉ. कमलजीत कौर और हरकमल जीत सिंह को कंपनी के इंजीनियर ने सैंपल की जांच के लिए ट्रेनिंग दी है।

सिविल अस्पताल की टीबी विभाग में लगी ट्रियूनेट मशीन का जायजा लेते हुए मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. हरिंदर पाल सिंह, जिला टीबी अधिकारी डॉ. कश्मीरी लाल, जिला टीबी अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. कमलजीत कौर व हरकमल जीत सिंह।

जिला टीबी अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार ने टीबी मरीजों पर कोरोना के खतरे को देखते हुए कोरोना के टेस्ट अनिवार्य कर दिए हैं। टेस्ट करने के लिए राज्य में पांच जिलों में ट्रियूनेट मशीनें भेजी गई है। इनमें जालंधर भी शामिल है। सिविल अस्पताल में टीबी के मरीजों के अलावा दूसरे लोगों के कोरोना टेस्ट किए जाएंगे। कोरोना खत्म होने के बाद इस मशीन का टीबी के मरीजों के टेस्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जिले में 3280 के करीब टीबी के मरीज हैं। फिलहाल टीबी के नए मरीजों के टेस्ट शुरू किए जाएंगे और बाद में पुराने उपचाराधीन मरीजों के टेस्ट होंगे। कंपनी ने टेस्ट करने वाली किट भी मुहैया करवाई है। मशीन के लिए दो लैब टेक्नीशियन भी नियुक्त किए जाएंगे।

कोरोना के रिस्क से डरे डॉक्टर, सिविल अस्पताल में नहीं मिली मशीन लगाने की जगह

जालंधर। सिविल अस्पताल में टीबी विभाग की ओर से मशीन देने के बावजूद कोरोना वायरस के डर से अस्पताल प्रशासन इसे लगाने से कन्नी काटता रहा। तमाम तर्क-वितर्क के बाद सिविल अस्पताल के स्टाफ ने मशीन को लैब में न लगाने का फैसला किया। सिविल अस्पताल में ट्रियूनेट मशीन आने के तीन दिन बाद अस्पताल प्रशासन और सिविल सर्जन इसे लगाने के लिए जगह निर्धारित नहीं करवाई। तमाम पहलुओ पर विचार करने के बाद मशीन को टीबी विभाग के सीबी नेट वाले कमरे में ही स्थापित किया गया। मशीन लगने के बाद टीबी विभाग कोरोना के संकट में हाई रिस्क इलाका बन गया है। जहां कोरोना के सैंपल की जांच होने से इस इलाके में वायरल लोड बढ़ने की संभावनाएं बढ़ गई है। नीतियों के अनुसार इस मशीन को पब्लिक से दूर अलग कमरे में लगाना चाहिए।


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