गिरेंगे जूतों के दाम, फुटवियर इंडस्ट्री में आएगा उछाल
जीएसटी काउंसिल ने राज्य की रबड़ इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है।
कमल किशोर, जालंधर
जीएसटी काउंसिल ने राज्य की रबड़ इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। अब पांच सौ रुपये के रबड़ फुटवियर या शूज पर पांच प्रतिशत जीएसटी के बजाय एक हजार रुपये तक के रबड़ फुटवियर व शूज पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इस फैसले से जहां शहर की स्माल स्केल इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा वहीं ग्राहक को कम कीमत में अच्छे जूते मिल सकेंगे।
फिलहाल, उद्यमी कारोबार में 15 से 20 प्रतिशत तक की उम्मीद कर रहे हैं। रबड़ इंडस्ट्री व शूज मर्चेट एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि 1000 रुपये तक के रबड़ फुटवियर पर पांच प्रतिशत जीएसटी से इंडस्ट्री बूम करेगी। बता दें कि पहले पांच सौ रुपए तक के फुटवियर पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था। पांच सौ रुपए से अधिक फुटवियर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लग रहा था। इस कारण कारोबार में 20 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी थी।
ग्राहक को महंगा पड़ता था जूता
पांच सौ रुपये से अधिक के रबड़ फुटवियर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था। इससे फुटवियर महंगा हो जाता है। इस कारण ग्राहक फुटवियर खरीदने में कम रुचि दिखाता था। मैन्यूफैक्चर्स को शूज की लागत पांच सौ रुपये अधिक पड़ रही थी और उनके लिए कारोबार करना मुश्किल हो रहा था। घरेलू बॉयर ही आर्डर नहीं दे रहे थे।
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चप्पल सोल व चप्पल स्टैप पर लगा रहा है 18 प्रतिशत जीएसटी
चप्पल सोल व स्टैप पर अब भी 18 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है। चप्पल इंडस्ट्री के सोल व स्टैप कंपोनेट पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगना चाहिए ताकि छोटे कारीगर रोटी खा सकें।
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फोटो:138जेपीजी
1000 रुपये तक के शूज पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगने से कारोबार बढ़ेगा। सरकार से यह भी मांग कर रहे है कि एक हजार से अधिक के फुटवियर पर 18 प्रतिशत जीएसटी को कम कर 12 प्रतिशत किया जाए।
- दविंदर मनचंदा, प्रधान, होलसेल शूज मर्चेंट एसोसिएशन जालंधर।
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फोटो:135जेपीजी
चप्पल सोल व स्टैप कंपोनेंट पर लगने वाले 18 प्रतिशत की बजाए 5 प्रतिशत जीएसटी में लाया जाए। छोटे कारीगरों का कारोबार करना आसान होगा।
-नीरज अरोड़ा, एमडी, कन्हैया रबड़ इंडस्ट्री।
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फोटो:136जेपीजी
एक हजार रुपये तक के फुटवियर पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगने से इंडस्ट्री में बूम आएगा। ग्राहक को सस्ता फुटवियर सुलभ होगा।
-कलिल पुंछी, एमडी, परफेक्ट रबड़ इंडस्ट्री।
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फोटो:138जेपीजी
सरकार के सामने एक हजार से अधिक कीमत वाले फुटवियर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने की मांग रखेंगे। इससे सरकार को अधिक रेवेन्यू मिलेगा। घरेलू बायर भी अधिक से अधिक ऑर्डर देगा।
-राकेश बहल, बहल पॉलीमर के एमडी।
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फोटो:139जेपीजी
जीएसटी काउंसिल ने फुटवियर इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। इंडस्ट्री खुलकर कारोबार कर सकेगी। ग्राहक अधिक से अधिक फुटवियर की खरीददारी करेगी।
-प्रवीण हांडा, महासचिव, होलसेल शूज मर्चेंट एसोसिएशन जालंधर।