बैरिकेड न हटाने व सड़कें बंद रखने पर कैंट बोर्ड व आर्मी ऑफिसर को नोटिस
रक्षा मंत्रालय के आदेशों के बावजूद सेना द्वारा तमाम बेरिकेड नहीं उठाने व बंद पड़ी सड़कों को नहीं खोलने के संबंध में एडवोकेट हरभजन दास सापला ने कैंट बोर्ड व आर्मी के अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है।
संवाद सहयोगी, जालंधर छावनी : रक्षा मंत्रालय के आदेशों के बावजूद सेना द्वारा तमाम बेरिकेड नहीं उठाने व बंद पड़ी सड़कों को नहीं खोलने के संबंध में एडवोकेट हरभजन दास सापला ने कैंट बोर्ड व आर्मी के अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है।
नोटिस में एडवोकेट सापला ने लिखा कि आर्मी के अधिकारी तानाशाह रवैया अपनाकर रक्षा मंत्रालय के आदेश दरकिनार कर रहे हैं। 5 महीने पहले रक्षा मंत्रालय ने देश के 62 कंटोनमेंट क्षेत्र की बंद सड़कें खोलने तथा सेना द्वारा लगाए बेरिकेड्स हटाने के लिए लेटर जारी किया था लेकिन यहा न ही बेरिकेड्स उठाए व न ही सड़कें खोली। एडवोकेट सापला ने इसे कानून के साथ खिलवाड़ करने का आपराधिक मामला बताया। उन्होंने कैंट बोर्ड प्रशासन, आर्मी प्रशासन तथा रक्षा मंत्रालय जीओसी वेस्टर्न कमाड को पत्र लिखकर चेताया है कि यदि तत्काल प्रभाव से सड़कें न खोली गई व बेरिकेड्स न उठाए तो वह इन तमाम अधिकारियों को पार्टी बनाकर कानूनी कार्रवाई करेंगे। अगर सड़क बंद करनी है तो जनता से एतराज लेने जरूरी
इस संदर्भ में समाजसेवी संस्था सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान राम सहदेव का कहना है कि यदि कैंट एक्ट की धारा 258 के तहत कैंट बोर्ड ने कोई रोड बंद करनी हो तो वह पहले पब्लिक से ऑब्जेक्शन मागकर पब्लिक नोटिस जारी करना चाहिए। जनरल हाउस मीटिंग में हल हों मसले
राम सहदेव ने कहा बात कानून की हो तो वह सब पर लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा इसमें सबसे ज्यादा दोषी कैंट बोर्ड अधिकारी हैं, जो जनता की नुमाइंदगी करते हैं। उन्हें भलीभाति पता है कि जनता आर्मी के तानाशाही रवैया से परेशान हैं। इसके बावजूद अधिकारी अपनी एसीआर बचाने के लिए आर्मी अधिकारी के आगे नतमस्तक हैं। उन्होंने कहा कैंट के तमाम मसले आर्मी नहीं बल्कि जनरल हाउस की बोर्ड बैठक में सुलझाए जाने चाहिए।