रोडवेज की बस में लगेज कैरियर नहीं, निजी ऑपरेटर स्लीपर तक बनवा रहे
हादसे रोकने को सरकार द्वारा बनाए गए कानून कम से कम पंजाब में तो मात्र सरकारी बसों पर ही लागू होते दिखाई दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : हादसे रोकने को सरकार द्वारा बनाए गए कानून कम से कम पंजाब में तो मात्र सरकारी बसों पर ही लागू होते दिखाई दे रहे हैं। पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल की जा रही नई बसों की छतों के ऊपर सामान रखने को लगेज कैरियर नहीं बनवाए जा रहे हैं, लेकिन निजी बस ऑपरेटर बसों के ऊपर सामान रखने को लगेज कैरियर लगाने से लेकर मनमर्जी की ऊंचाई वाले स्लीपर कोच तक तैयार करवा रहे हैं। इसका सीधा असर पंजाब रोडवेज की सरकारी बसों की कमाई पर पड़ रहा है, क्योंकि यात्री छत पर सामान रखने की सुविधा न देखते हुए निजी बसों में ही यात्रा करने को अधिमान देते हैं।
पंजाब रोडवेज ने बीते कुछ साल में जितनी भी नई बसें बनवाई हैं, उनकी छतों पर सामान रखने को लगेज कैरियर नहीं लगवाया है। तर्क ये है कि छत पर कई टन तक सामान रखने के अलावा रैक के ऊपर यात्री भी बैठकर सफर करते हैं। जिससे हादसे होते हैं और कई यात्रियों की जान चली जाती है। तकनीकी तौर पर यह भी कहा जाता है कि छत के ऊपर लगेज कैरियर लगाने से बस की सीजी (सेंटर ऑफ ग्रेविटी) पर भी असर पड़ता है और संतुलन बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। छत पर सामान रखने के लिए रैक उपलब्ध न होने से रोडवेज बसों के नीचे डिग्गी बनवा रही है, लेकिन डिग्गी में भी पर्याप्त सामान नहीं आ पाता है। कंडक्टर तंग जगह के चलते यात्रियों को ज्यादा सामान बस के अंदर रखने की इजाजत नहीं देते हैं।
इसके विपरीत निजी बसों वाले बस की छतों पर लगेज कैरियर भी लगवा रहे हैं और मनमर्जी से डिग्गी भी बनवा रहे हैं। यही नहीं वे स्लीपर कोच भी तैयार करवा रहे हैं। स्लीपर कोच बस की ऊंचाई ज्यादा रहती है और उनके पलटने का भी खतरा ज्यादा होता है। बावजूद इसके परिवहन विभाग इन निजी बस ऑपरेटरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
इस संबंध में जब आरटीए सचिव नयन जस्सल से उनके फोन नंबर 8000500003 पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। यह सरकार के एआइएस 052 नियम का उल्लंघन है। बस के ऊपर लगेज कैरियर नहीं बनाया जा सकता। स्लीपर कोच की ऊंचाई भी जमीन से 4.43 मीटर ऊपर नहीं होनी चाहिए। अगर ऊंचाई इससे ज्यादा है अथवा लगेज कैरियर लगा है तो यह सीधा सीधा यात्रियों की जान के लिए रिस्क है।
कुलवंत सिंह, अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ बस मैन्युफैक्चरर्स। पंजाब रोडवेज निजी बसों अथवा फैब्रिकेटर्स के ऊपर इस संदर्भ में कार्रवाई करने को सक्षम नहीं है। ऐसी बसों पर तो परिवहन विभाग के अधिकारी ही कार्रवाई कर सकते हैं।
परनीत सिंह, डिप्टी डायरेक्टर पंजाब रोडवेज