सूर्या एन्क्लेव से सटी अवैध कॉलोनी पर 34 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं, निगम खामोश
दशमेश नगर मामले में कांग्रेस विधायक द्वारा रोके जाने के मामले में व सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन के साथ सटी अवैध कॉलोनी के मामले में अब तक निगम अफसर खामोश हैं।
सत्येन ओझा, जालंधर : स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से शहर में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। उनके आदेशों के तहत निगम की टीम ने दो दिन शहर में कई जगह अवैध निर्माण गिराए भी। पर वेस्ट हल्के में कांग्रेस विधायक सुशील ¨रकू के विरोध जताने के बाद निगम की टीम बैरंग लौट गई थी। पर वह कई मामलों में भेदभाव करती भी नजर आ रही है। दरअसल साल 2002 में 120 फुटी रोड पर अवैध अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंची निगम की टीम को कार्रवाई से रोकने पर तत्कालीन अकाली पार्षद कमलजीत ¨सह भाटिया के खिलाफ निगम की टीम ने केस दर्ज करवाया था। पर हाल ही में दशमेश नगर मामले में कांग्रेस विधायक द्वारा रोके जाने के मामले में व सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन के साथ सटी अवैध कॉलोनी के मामले में अब तक निगम अफसर खामोश हैं।
सूर्या एन्क्लेव से सटकर बनाई जा रही सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन मामले में इंप्प्रूवमेंट ट्रस्ट के ईओ राजेश चौधरी ने 14 मई को मौके का निरीक्षण कर एन्क्लेव की पेयजल सप्लाई गैर कानूनी कॉलोनी को देने का मामला पकड़ा था। इस मामले में एक कांग्रेस विधायक के बीच में आ जाने से कार्रवाई 34 दिन बाद भी नहीं हो सकी है। इस संबंधी प्रगति पूछे जाने पर ट्रस्ट के ईओ ने बताया कि कनेक्शन काटने की कार्रवाई कर रहे हैं, कब तक होगी कार्रवाई।? ये पूछने पर उन्होंने ये कहते हुए फोन काट दिया कि कार्रवाई कर रहे हैं।
निगम के एमटीपी के अनुसार सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशसन के नाम से बसाई कॉलोनी अवैध है, उसमें बने एक मकान का नक्शा पास है। दशमेश नगर में कांग्रेस विधायक द्वारा कार्रवाई में बाधा पहुंचाने के मामले में निगम के खामोश रहने व कार्रवाई नहीं करने का मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
एक्सईएन बोले- निगम कमिश्नर को दी रिपोर्ट, गर्ग ने नहीं उठाया फोन
एडीसीपी डी सुडरविली का कहना है कि निगम की ओर से उन्हें लिखित शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिली तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंची टीम की बागडोर संभालने वाले निगम के एक्सईएन स¨तदर कुमार का कहना है कि इस पर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट बनाकर निगम कमिश्नर को सौंप दी है। निगम कमिश्नर बसंत गर्ग न तो फोन पिक कर रहे हैं, न ही व्हाट्स अप पर भेजे गए मैसेज का कोई रिप्लाई कर रहे हैं। दशमेश नगर में कांग्रेसियों ने डाली थी काम में बाधा
15 मई को एक्सईएन स¨तदर कुमार व एक्सईएन निर्मल कुमार की अगुवाई में दशमेश नगर में अवैध रूप से बन रहे दो मकानों को ध्वस्त करने जेसीबी मशीन आदि के साथ पहुंची थी। टीम काला संघिया तक पहुंची थी, तभी कांग्रेस विधायक के नेतृत्व में पहुंची टीम ने निगम टीम को रोक लिया। विधायक जेसीबी के ऊपर जाकर बैठ गए, उन्होंने टीम को आगे नहीं बढ़ने दिया। दो घंटे बाद टीम बैरंग लौट गई थी। तत्कालीन निगम कमिश्नर कृष्ण ने दिखाई थी हिम्मत
साल-2002 में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में तत्कालीन निगम कमिश्नर कृष्ण कुमार ने 120 फुटी रोड पर अवैध अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंची नगर निगम की टीम को रोकने पर तत्कालीन अकाली पार्षद कमलजीत ¨सह भाटिया के खिलाफ केस दर्ज कराया था। भाटिया को निचली अदालत से दो साल की सजा भी हुई थी। वर्तमान में मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत ¨सह बंटी ने बताया कि उन्होंने डेढ़ महीने पहले निकाय मंत्री को पूरी जानकारी दी थी कि शहर में क्या हो रहा है। अवैध कॉलोनियां बन रही हैं, अफसरों की जेब में पैसे जा रहे हैं, निगम को कुछ नहीं मिल रहा है। उसके बाद ही मंत्री ने अपने लोगों को भेजकर अपने स्तर पर जांच कराई, जिस पर अब कार्रवाई हो रही है। विधायक अपना काम कर रहे हैं, लेकिन अफसरों को अपना काम करना चाहिए। पूरा सिस्टम भ्रष्ट हो चुका है। अगर सरकार ने कॉलोनी रेगूलराइज करने का फैसला लिया है तो इसका मतलब किसी को अवैध कॉलोनियां बनाने का लाइसेंस नहीं दे दिया है।
बाधा कोई भी पहुंचाए, कानून सबके लिए बराबर
वरिष्ठ अधिवक्ता मनदीप ¨सह सचदेवा का कहना है कि सरकारी जेसीबी मशीनरी को रोकना सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने की श्रेणी में आता है। इसमें आइपीसी की धारा-353, 186 के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए। बाधा आम आदमी पहुंचाता है या कोई जनप्रतिनिधि, कानून सबके लिए बराबर है।