एनआइटी ने बनाया खास उपकरण, अब वस्तुएं भी होंगी वायरस से मुक्त
यह बैंकों में मुद्रा कागज क्रेडिट कार्ड आदि कीटाणुरहित करने के लिए बेहद उपयोगी होगा और इसकी मदद से खाद्य पदार्थों को भी कीटाणुरहित किया जा सकेगा।
जालंधर, जेेएनएन। एनआइटी की तरफ से वस्तुओं को कीटाणु रहित करने के लिए उपकरण विकसित किया गया है। यह बैंकों में मुद्रा, कागज, क्रेडिट कार्ड आदि कीटाणुरहित करने के लिए बेहद उपयोगी होगा। यही नहीं इसकी मदद से खाद्य पदार्थों को कीटाणुरहित किया जा सकेगा। डायरेक्टर डॉ. एलके अवस्थी और एसोसिएट प्रोफेसर केएस नांगला ने कहा कि इसके साथ यूवी लाइट का उपयोग किया गया है।
बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से भी यह बेहद उपयोगी है और सुरक्षित है। इसमें यूवी-सी विकिरण हवा, पानी और सतहों के लिए एक ज्ञात कीटाणुनाशक है, जो संक्रमण प्राप्त करने के जोखिम को कम करने में मदद करेगा। वर्तमान में यूवी लाइट का उपयोग कई खाद्य उद्योग अनुप्रयोगों में किया जाता है क्योंकि यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इनका कम रखरखाव है और किसी भी रसायनों या कीटनाशकों के उपयोग की आवश्यकता नहीं रहती।
अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने पहले से ही भोजन के लिए सतह रोगाणुरोधी उपचार के रूप में यूवी विकिरण के लिए उपयोग की शर्तों को निर्धारित किया है। इस डिवाइस के 120 सैकेंड के आधार पर टाइमर सेट करके इस्तेमाल करके वस्तुओं को डिसइन्फेक्ट किया जा सकता है। फिर वो चाहे किताबें, खाद्य सामग्री के पैकेट, चाबियां आदि को इसमें रखकर कीटाणुमुक्त किया जा सकता है।
परीक्षाओं को लेकर यूजीसी के आदेश से विद्यार्थी फंसे दुविधा में
कोविड-19 की वजह से सवा तीन महीने से देश में लॉकडाउन चल रहा है। इस दौरान राज्य में कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के दोबारा से खुलने और परीक्षा के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी न होना से विद्यार्थियों की चिंता बढ़ने लगी है। प्राइवेट कॉलेज नॉन-टीचिंग इंप्लाइज यूनियन पंजाब एडिड और नॉन-एडिड के महासचिव जगदीप सिंह ने बताया कि पहले यूजीसी ने अंतिम कक्षाओं की परीक्षा करवाने के लिए यूनिवर्सिटियों को एक नई गाइडलाइन जारी की थी। तब परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू करने के लिए कहा गया था, पर बाद में उन्हें फिर से रद कर दिया गया।
अब यह परीक्षा सितंबर में करवाने के लिए कहा जा रहा है। जिस कारण विद्यार्थियों को उनकी परीक्षा होने या न होने के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही है और उनको आगे भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इसी तरह ही कॉलेजों का स्टाफ भी कोई स्पष्ट जानकारी न होने के कारण परेशान है। महासचिव जगदीप सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने कॉलेजों और कार्यालयों में 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करने संबंधी हिदायतें जारी की थीं, पर कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपल सारे स्टाफ को कॉलेज बुलाने लगे हैं, जो ऐसी स्थिति में सही नहीं है।
यूनियन के कार्यकारी प्रधान भुपिंदर ठाकुर, महासचिव जगदीप सिंह, सरप्रस्त मदन लाल खुल्लर ने कहा कि पंजाब सरकार को अपील है कि कॉलेजों की परीक्षा और दाखिले की प्रक्रिया के बारे में नई स्पष्ट जानकारी प्रदान की जाए। क्योंकि परीक्षाओं की जानकारी न होने से विद्यार्थी और अभिभावक चिंताग्रस्त हैं।
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