इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक तय होंगे एनआइआइएफटी के पाठ्यक्रम, शॉर्ट टर्म कोर्स भी करवाए जाएंगे
एनआइआइएफटी से शिक्षा लेने वालों को किताबी ज्ञान की बजाये प्रैक्टिकल ज्ञान देने पर पाठ्यक्रम केंद्रित रहेंगे। कोर्स 70 फीसद के लगभग प्रैक्टिकल और 30 फीसद किताबी ज्ञान पर आधारित होंगे।
जालंधर, मनुपाल शर्मा। युवा पीढ़ी को रोजगार सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से नॉर्दन इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एनआइआइएफटी द्वारा इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक ही पाठ्यक्रम तय किए जाएंगे। खास यह होगा कि एनआइआइएफटी से शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान की बजाये प्रैक्टिकल ज्ञान देने पर पाठ्यक्रम केंद्रित रहेंगे। विद्यार्थियों के कोर्स 70 फीसद के लगभग प्रैक्टिकल और 30 फीसद किताबी ज्ञान पर आधारित रहेंगे।
जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू इलाके में स्थित एनआइआइएफटी में 30 सीटों के साथ 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए बीएससी फैशन डिजाइनिंग की शुरुआत की गई है, जिसमें छह सेमेस्टर शामिल होंगे। बीएससी की डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए संबंधित इंडस्ट्री में ट्रेनिंग के लिए भिजवाया जाएगा। इंस्टिट्यूट को पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी पीटीयू से एफीलिएशन प्राप्त है, लेकिन पाठ्यक्रम एवं फैकल्टी सदस्य एनआइआइएफटी की तरफ से ही उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
विधानसभा हलका जालंधर सेंट्रल के विधायक राजेंद्र बेरी ने बताया कि लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च कर एनआइआइएफटी में मौजूदा शैक्षणिक सत्र से स्नातक डिग्री शुरू करवाई गई है। कोविड-19 की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर ऑनलाइन क्लासेज भी उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा कि इंस्टिट्यूट की इमारत तो बीती सरकार के समय तैयार करवा ली गई थी, लेकिन यह विरान ही पड़ी हुई थी। इसमें नशेड़ी व अन्य असामाजिक तत्व बैठने शुरू हो गए थे।
उन्होंने कहा कि जालंधर में ऐसे इंस्टिट्यूट मैं कोर्स शुरू होना क्षेत्र की युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ी उपलब्धि व भविष्य को लेकर एक स्वर्णिम अवसर भी है। उन्होंने कहा कि अति शीघ्र उद्योगपतियों के साथ बैठक की जाएगी और इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक कोर्स डिजाइन कर दिए जाएंगे। इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक ही विद्यार्थियों को शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि इंडस्ट्री की जरूरत भी पूरी हो सके और युवाओं को उनकी योग्यता के मुताबिक रोजगार भी उपलब्ध हो सके।