कालाबाजारी के खिलाफ लड़ते रहे नरेंद्र सिंह
कर्फ्यू के बीच सबसे बड़ी चुनौती लोगों को खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करना होता है।
शाम सहगल, जालंधर : कोरोना वायरस से खुद की सुरक्षा करने के लिए लोग कर्फ्यू के दौरान घरों में दुबक गए थे। इन विपरीत परिस्थितियों में भी जनता को खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करवाने के लिए डीएफएससी नरेंद्र सिंह ने अढ़ाई माह तक दिन-रात सेवाएं दी। इस दौरान केवल खाद्य पदार्थों की आपूर्ति ही नहीं, बल्कि कालाबाजारी रोकना उनके लिए किसी चुनौती से कम न था। हालांकि उन्होंने पूरी तन्मयता से अपना फर्ज निभाया है और आपूर्ति सुचारू बनाए रखी।
खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के लिए बनाई योजना
कर्फ्यू के बीच सबसे बड़ी चुनौती लोगों को खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करना होता है। इसके लिए जिला प्रशासन की हिदायतों के मुताबिक नरेंद्र सिंह ने सभी थोक व रिटेल दुकानदारों को जरूरी निर्देश जारी किए। इसके अलावा एक महीना पहले से ही दुकानों पर छापेमारी करने का अभियान शुरू कर दिया। इसके तहत मंडी फैंटनगंज, गुरु नानक मिशन चौक, लाजपत नगर, बस्तियात इलाके व मल्टीनेशनल कंपनियों के मॉल्स में भी दबिश देकर खाद्य पदार्थों की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाया। इस दौरान छुट्टी वाले दिन भी स्टाफ के साथ मिलकर सेवाएं देते रहे।
आटा-दाल स्कीम पर नहीं आने दी आंच
पंजाब सरकार के नियमों के मुताबिक खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा वर्ष में दो बार आटा-दाल स्कीम के तहत गेहूं का वितरण किया जाता है। उस समय शहर के कई इलाकों में आटा-दाल स्कीम के तहत यह गेहूं वितरित किया जाना था, लेकिन कर्फ्यू लग जाने के कारण इस पर संकट के बादल मंडराने लगे। नरेंद्र सिंह ने इसके लिए अलग से योजना बनाकर शहर में आटा दाल स्कीम की गेहूं निर्विघ्न वितरित करवाया।