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जनता को मिलेगी राहत, वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी में ये दो बड़े बदलाव करवाने की तैयारी

बिल्डिंगें रेगुलर करवाने के लिए पार्किग की शर्त हटाने और दो हजार रुपये प्रति वर्ग फीट की फीस कम करके 250 से 300 रुपये करने का सुझाव देने की तैयारी है।

By Edited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 10:54 AM (IST)
जनता को मिलेगी राहत, वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी में ये दो बड़े बदलाव करवाने की तैयारी

जेएनएन, जालंधर। नगर निगम वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी में दो बड़े बदलावों को इच्छुक है। बिल्डिंगें रेगुलर करवाने के लिए पार्किग की शर्त हटाने और दो हजार रुपये प्रति वर्ग फीट की फीस कम करके 250 से 300 रुपये करने का सुझाव देने की तैयारी है। मेयर जगदीश राजा ने कहा कि अवैध इमारतों को रेगुलर करने के लिए तैयार की जा रही वनटाइम सेटलमेंट पॉलिसी के मौजूदा ड्राफ्ट में कुछ बदलाव करने से पब्लिक का हित होगा और इससे निगम को भी आर्थिक लाभ होगा।

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उन्होंने कहा कि नगर निगम स्थानीय निकाय विभाग को इसमें कुछ अहम बदलाव करने के सुझाव भेजेगा। इस संबंध में चंडीगढ़ में स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू के साथ हाल में हुई बैठक में भी चर्चा की गई थी। निकाय मंत्री ने सुझावों पर गंभीरता से विचार कर लोगों के हित वाली पॉलिसी फाइनल कर कैबिनेट की मंजूरी दिलाने की बात कही थी। मेयर ने कहा कि पॉलिसी के मौजूदा ड्राफ्ट में जो शर्ते दी गईं हैं उनके मुताबिक अधिकतर लोग अपनी इमारतें रेगुलर नहीं कराएंगे।

बिल्डिंग ब्राच के अफसरों का भी मानना है कि पुराने शहर के इलाकों में पार्किग की शर्त को पूरा कर पाना लोगों के लिए संभव नहीं होगा। इसके अलावा सड़कों की चौड़ाई को भी नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके चलते वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के तहत जस की तस बिल्डिंग को रेगुलर करने से ही पॉलिसी पर अमल संभव हो पाएगा। जोनिंग सिस्टम पर सोमवार को निगम में होगी बैठक पुराने शहर में 60 फुट चौड़ी सड़कें नहीं होने के चलते वहा हुए कॉमर्शियल निर्माणों को रेगुलर नहीं किया जा सकता। इससे लोगों को हमेशा कार्रवाई का डर सताता रहता है। बीते शुक्रवार को वेस्ट हलके में इसी आधार पर निगम की टीम ने कार्रवाई की थी।

विधायक ने इस कार्रवाई का यही कहकर विरोध किया था कि उनके हलके में दो ही सड़कें 60 फीट चौड़ी हैं। ऐसे में लोगों के पास अवैध निर्माण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। विधायक ने कहा था कि निगम को जोनिंग करनी चाहिए ताकि इलाकों को अलग-अलग श्रेणी में बाटकर नियमों में बदलाव किया जा सके और लोगों के कॉमर्शियल नक्शे पास हो सकें। इस मामले का संज्ञान लेते हुए मेयर-कमिश्नर ने सोमवार को जोनिंग करने के लिए निगम के अफसरों की बैठक बुलाई है।


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