नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, अर्बन एस्टेट फेज-2 में बिना मंजूरी लगाए गेट हटवाए
इलाके के ही लोगों ने इसके खिलाफ नगर निगम को शिकायत दी थी और कहा था कि गेट बंद होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जालंधर, जेएनएन। नगर निगम के आदेशों के बाद अर्बन एस्टेट फेस 2 में वेलफेयर सोसायटी ने दो एंट्री पॉइंट पर लगाए गए गेट हटा दिए हैं। इलाके के ही लोगों ने इसके खिलाफ नगर निगम को शिकायत दी थी और कहा था कि गेट बंद होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सोसाइटी मांग कर रही थी कि गेट न हटाया जाए क्योंकि यह लोगों की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं। बावजूद इसके, नगर निगम ने लोगों की शिकायत पर एक्शन लेते हुए गेट हटवा दिए हैं। इनके कारण आवाजाही प्रभावित हो रही थी।
बता दें कि इस तरह के कई गेट कॉलोनी में लगे हुए हैं। यह मामला मेयर जगदीश राजा तक भी पहुंचा था। तब उन्होंने अफसरों से रिपोर्ट लेने और लोगों से आम जनता की आवाजाही के गेट खोलने की बात कही थी।
कोरोना काल में बढ़ी गेट बंद करने की समस्या
बता दें कि कोरोना से लड़ने के लिए लोगों ने कॉलोनियों के गेट बंद कर लिए थे। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा कर बताया था कि समय शहर में 50 से ज्यादा कॉलोनियों के गेट बंद किए गए थे। इस कारण वाहनों की बेरोकटोक अवाजाही के अलावा समाचार पत्र विक्रेताओं, सब्जी-फल विक्रेताओं, दूध देने के लिए आने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कई जगह तो झगड़े तक हो चुके हैं।
इमरजेंसी में हो सकता है बड़ा नुकसान
कॉलोनियों में गेट बंद के कारण बड़ा नुकसान भी हो सकता है। अगर कहीं आगजनी की घटना होती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी का समय पर पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाएगा। फायर ब्रिगेड के समय पर नहीं पहुंच पाने पर भारी नुकसान हो सकता है। ऐसा ही एंबुलेंस के मामले में भी है। ऐसे ही एक मामले में अवतार नगर में गेट बंद होने के कारण बीमार महिला को अस्पताल ले जाने में देरी हो गई थी। बाद में महिला की मौत हो गई थी।
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