जालंधर में जमीन के नीचे गुम हुई सीवर लाइन, अब राडार से ढूंढ़े जा रहे हैं मैनहोल
जालंधर शहर में कई किमी सीवर लाइन गुम है। निगम के पास इसका कोई रिकार्ड नहीं है। अब ग्राउंड पेनीट्रेशन राडार से मैनहोल खोजे जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। शहर में बिछे 1616 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन का जाल खोजने में नगर निगम सक्रिय हो गया है। महानगर के दबे हुए सीवरेज मैन होल एवं अंडरग्राउंड पाइपलाइन को ढूंढने का पहला प्रयोग सफल रहा है। ग्राउंड पेनिट्रेशन राडार (जीपीआर) की मदद से तीन दबे हुए मैन हॉल ढूंढ़ निकाले गए हैं।
बता दें कि शहर में सीवरेज लाइन व मेन हॉल बड़ी संख्या में जमीन में दफन हो चुके हैं। इनका कोई रिकार्ड पिछले 41 सालों से निगम के पास नहीं है।सीवरेज मैन होल एवं अंडरग्राउंड पाइपलाइन को ढूंढने के पहले प्रयोग के तहत जीपीआर की मदद से तीन दबे हुए मैन हॉल ढूंढे गए हैं। एक दबा हुआ मैन हॉल वर्कशॉप चौक में और दो मेन हॉल गुलाब देवी रोड पर ढूंढे गए हैं। नगर निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर किशोर बंसल ने तीन दबे हुए मैन हॉल जीपीआर की मदद से ढूंढ लिए जाने की पुष्टि की है।
अब सारे शहर के मैन होल एवं वाटर सप्लाई लाइन ढूंढी जाएंगी
सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर किशोर बंसल ने बताया कि उनके पास इस संबंध में डीपीआर तैयार होकर आई थी, लेकिन उससे पहले वह यह जानना चाहते थे कि संबंधित तकनीक कितनी कारगर साबित हो सकती है। इसी वजह से संबंधित कंपनी को दबे हुए मैन हॉल ढूंढने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रयोग 100 फीसद सफल रहा है और कंपनी ने एक्युरेटली दबे हुए मैन हॉल ढूंढ निकाले। अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के तमाम दबे हुए मैनहॉल एवं अंडरग्राउंड पाइपलाइन ढूंढी जाएंगी ताकि सफाई, स्वच्छता एवं वाटर सप्लाई की समस्या को खत्म किया जा सके।