मल्टीबिलियन डॉलर फाइनांस कंपनी में एलपीयू के दो छात्रों का चयन
एलपीयू के बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग के बिशाखा जैन और पीयूष सिन्हा को मल्टीबिलियन डॉलर फाइनांस कंपनी नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटेशन (नैस्डैक) ने इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए चुना है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : एलपीयू के बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग के बिशाखा जैन और पीयूष सिन्हा को मल्टीबिलियन डॉलर फाइनांस कंपनी नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटेशन (नैस्डैक) ने इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए चुना है। यूं तो देशभर से कंपनी ने 13 विद्यार्थियों को चुना है। इन दोनों विद्यार्थियों को प्रति माह 50 हजार रुपये का इंटर्नशिप वजीफा भी मिलेगा और वे बेंगलूर में नैस्डैक कॉर्पोरेट सॉल्यूशंस कंपनी कार्यालय में कार्यरत रहेंगे। चांसलर अशोक मित्तल ने कहा कि बिसाखा और पीयूष ने राष्ट्रीय स्तर के हैकाथॉन में अनुकरणीय प्रदर्शन किया और इस अवसर को प्राप्त करने के लिए कई साक्षात्कारों को सफलतापूर्वक पास किया। करियर सर्विसेज के निदेशक डॉ. हरपाल थेती ने कहा कि यह एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा निगम है। जो नैस्डैक शेयर बाजार और आठ यूरोपीय स्टॉक एक्सचेंजों का मालिक और संचालन करता है। विद्यार्थियों के लिए नैस्डैक द्वारा एक खुला इंटर्नशिप निमंत्रण था जो उनकी मेहनत और सफलता को देखकर ही मिला। एचएमवी की प्रभनूर कौर जीएनडीयू से पांचवें स्थान पर
जासं, जालंधर : हंसराज महिला महाविद्यालय की छात्रा प्रभनूर कौर ने बेचुलर इन डिजाइन के तीसरे सेमेस्टर में 600 में से 535 अंक लेकर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में पांचवी पोजिशन हासिल की। इसके अलावा सुखमनी कौर ने 531 अंक प्राप्त कर छठी पोजिशन पाई। प्रिसिपल डॉ. अजय सरीन ने छात्राओं की मेहनत को सराहा और भविष्य में भी उन्हें और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बीडी विभाग की डॉ. राखी मेहता के प्रयासों को भी सराहा। एपीजे स्कूल में कराया मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस पर वेबीनार
जासं, जालंधर : एपीजे स्कूल की तरफ से अभिभावकों के लिए ऑनलाइन काउंसलिग सेशन मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस आयोजित किया गया। मनोचिकित्सक पल्लवी खन्ना ने कहा कि आज समाज कोविड-19 से जूझ रहा है। कोरोना ने लोगों विशेषकर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। अभिभावकों को बच्चों को संभालने के लिए अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रयोग करना पड़ रहा है। दिन-रात भागने वाली जिदगी को एकाएक ब्रेक लग गया है। इस प्रकार की स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार सकारात्मक रखा जा सकता है। वेबीनार के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को इसके टिप्स दिए गए। बच्चों को घबराहट, चिड़चिड़ापन, गुस्से और ऊर्जाहीनता से बचाने के लिए अभिभावकों को उनके लिए समय निकालने को प्रेरित किया। इसमें वे अभिभावक बनकर नहीं बल्कि बच्चे ही बनकर उनके साथ इनडोर खेल खेलकर उनका तनाव दूर कर सकते हैं।