विधायक सुशील रिंकू ने ठोकी ताल, होर्डिंग से गायब हुईं सांसद चौधरी की तस्वीरें
जालंधर लोकसभा सीट के दावेदारों के बीच कैप्टन का दौरा शक्ति प्रदर्शन में तब्दील हो गया है। एक तरफ वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू हैं तो दूसरी तरफ सांसद संतोख चौधरी।
जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू होने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जालंधर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर कांग्रेस की सियासत का गरमा दी है। जालंधर लोकसभा सीट के दावेदारों के बीच कैप्टन का दौरा शक्ति प्रदर्शन में तब्दील हो गया है। एक तरफ वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू ने लड़कियों के कॉलेज को खोलने के 20 साल पुराने मुद्दे को अपनी झोली में डालकर ताल ठोंक दी है तो दूसरी तरफ मौजूदा सांसद चौधरी संतोख सिंह ने समारोहों में शिरकत करने को कूटनीति का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
जालंधर की सीट आरक्षित सीट है। दलित बाहुल्य वोटबैंक के चलते अभी तक के चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराता रहा है। जालंधर कांग्रेस के गढ़ के रूप में भी जाना जाता रहा है। अलबत्ता कांग्रेस से नाराज लोगों ने विधासभा के 2012 में हुए चुनाव में भी कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चौधरी संतोख सिंह इस सीट से विजयी हुए थे। इस बार दलित राजनीति में चौधरी को रिंकू से कड़ी टक्कर मिल रही है।
चाहे निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का विभिन्न मुद्दों पर खुला विरोध करने की बात हो या फिर शहर के तमाम मुद्दों को रिंकू ने लीड करके अपना कद जरूर बड़ा करके चौधरी के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। बूटा मंडी में लड़िकयों के कॉलेज को खोलने की मांग 20 सालों से उठती चली आ रही है और दो दशक से इम मुद्दे पर सभी सियासी दल अपनी-अपनी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं। दलित समाज के बड़े वोट बैंक के रूप में विकसित इस इलाके में कॉलेज का नींवपत्थर रखवा कर रिंकू एक तीर से दो निशाने साध रहें हैं। कांग्रेसी सियासत के जानकार इस मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जब एक ही मंच पर रिंकू और चौधरी दोनों होंगे और रिंकू के शो में कैप्टन किसकी पीठ ठोंकते हैं।
हर होर्डिग में रिंकू, चौधरी की अनदेखी
नींवपत्थर रखने को लेकर शहर आए कैप्टन के स्वागत में लगे होर्डिंग्स पर रिंकू ही छाए हैं और चौधरी संतोख सिंह को जगह नहीं दी गई है। जाहिर है कि अब चौधरी को आने वाले कुछ ही दिनों में शक्ति प्रदर्शन के लिए रिंकू से बड़ी लकीर खींचनी होगी। यही वजह है कि चौधरी ने रिंकू विरोधियों के सहारे सियासी कूटनीति के तहत दोनों कार्यक्रमों में अपनी मौजूदगी दिखाने के हर प्रबंध कर लिए हैं।
रिंकू कांग्रेसी
कैप्टन के दौरे के बाद अचानक तेज हुई कांग्रेस की सियासत में लगातार भारी होते जा रहे रिंकू के पलड़े को हल्का करने के लिए कांग्रेस के बाकी विधायकों व अन्य दिग्गजों की तरफ से चौधरी संतोख सिंह के पक्ष में एकजुट होने की भी कवायद देर रात तक जारी रही। इससे पहले भी रिंकू का कद काटने के लिए दिग्गज कांग्रेसियों ने एकजुटता दिखाई थी।
अफसरशाही ने डीएवी के प्रोग्राम पर किया फोकस
अफसरशाही ने डीएवी के प्रोग्राम पर ज्यादा फोकस कर रखा है। आरटीए नयन भुल्लर सहित जिला प्रशासन ने भी डीएवी यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा बसों को लाने की जिम्मेवारी विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को सौंपी है। इसे लेकर देर शाम तक शिक्षण संस्थानों पर प्रशासन का डंडा चलता रहा।
कॉलेज के निर्माण को लेकर भी क्रेडिट वार तेज
कॉलेज निर्माण की मंजूरी को लेकर अब क्रेडिट वार तेज हो गया है। कई सामाजिक संगठन भी इसे लेकर संघर्ष करते रहे हैं। पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी व उनके खेमे की सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर भी इस मांग को कई बार उठा चुकी हैं। बुधवार को मेयर जगदीश राजा, सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह ने भी तैयारियों का जायजा लिया।