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चौकों के सुंदरीकरण का काम धीमा विधायक बेरी बोले, टेंडर रद कर दें

विधायक ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद काम में तेजी नहीं लाई जा रही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 01:50 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 06:15 AM (IST)
चौकों के सुंदरीकरण का काम धीमा विधायक बेरी बोले, टेंडर रद कर दें
चौकों के सुंदरीकरण का काम धीमा विधायक बेरी बोले, टेंडर रद कर दें

जासं, जालंधर : विधायक राजिदर बेरी ने नगर निगम कमिश्नर करनेश शर्मा के साथ मीटिग करके कहा है कि स्मार्ट सिटी के शहर 11 चौक के सुंदरीकरण का ठेका रद किया जाए। विधायक ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद काम में तेजी नहीं लाई जा रही। अब ठेकेदार का और लिहाज न किया जाए और टेंडर रद कर जमानत राशि जब्त कर ली जाए। ये काम अब दूसरे नंबर पर बोली देने वाले ठेकेदार को काम अलॉट किया जाए। बेरी पहले भी कह चुके हैं कि 11 चौक के सुंदरीकरण के काम में लापरवाही हो रही है। एक साल पहले वर्कऑर्डर जारी किया गया था। काम पूरा करने का समय भी खत्म हो गया है, लेकिन अभी तक पांच फीसद काम भी नहीं हुआ।

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सफाई व्यवस्था के लिए नई मशीनरी खरीदेंगे

विधायक राजिदर बेरी ने कहा कि निगम कमिश्नर से नई मशीनरी खरीदने पर भी चर्चा हुई है। स्मार्ट सिटी में भी फंड पड़ा है और ऐसे में मशीनरी खरीदी जानी चाहिए। निगम का हेल्थ डिपार्टमेंट मशीनरी की कमी से जूझ रहा है। इससे सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है। इसके लिए लिस्ट तैयार की जा रही है कि कौन-कौन सी मशीनरी ली जानी चाहिए। विधायक बेरी ने कहा कि नगर निगम कमिश्नर को सुझाव दिया है कि रविवार को भी शहर के डंपों से कूड़ा उठाया जाना चाहिए और खासतौर बरसात के सीजन में इसे लाजमी किया जाए। विधायक ने हर रविवार को आंखों से एक ग्रीन वेस्ट उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों के इस्तेमाल की सराहना की।

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22 नर्सरियां बढ़ाएंगी हरियाली

जासं, जालंधर : जालंधर को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने चालू वित्तवर्ष के दौरान जिले में कुल 22 नर्सरी स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में दो नर्सरी होंगी। इन नर्सरियों के विकास के लिए प्रशासन 1.35 करोड़ रुपये खर्च करेगा और महात्मा गांधी-राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कार्यक्रम के तहत 14 नर्सरी पर काम शुरू हो चुका है।

एडीसी विशेष सारंगल ने कहा कि इन नर्सरियों में कलेर, गुलमोहर, सुखचैन, पीपल, शीशम, शहतूत, नीम, डेक और अन्य पौधे होंगे। उन्होंने कहा कि वन विभाग की तकनीकी सहायता से इन ग्राम पंचायतों के रख-रखाव के लिए ग्राम पंचायतें जिम्मेदार होंगी। बाकी आठ नर्सरी का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।


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