फिरोजपुर के गांव जमालपुर में रिश्तेदार के घर मिली गांधी वनिता आश्रम से भागी नाबालिग
लड़की ने कहा कि वह मर्जी से भागी थी। वह किसी से लिफ्ट लेकर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां फिरोजपुर जाने वाली ट्रेन में बैठी और फिर फिरोजपुर में लिफ्ट लेकर जमालपुर जा पहुंची।
संवाद सहयोगी, जालंधर : गांधी वनिता आश्रम से सोमवार सुबह भागी लड़की फिरोजपुर के गांव जमालपुर में मिल गई है। आश्रम के प्रबंधक और पुलिस टीम ने मंगलवार तड़के चार बजे लड़की को बरामद किया। आश्रम के प्रोग्राम आफिसर नरिंदर सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि लड़की को सही सलामत वापस लाया गया है और उसके भागने के मामले में पूरी जांच रिपोर्ट डीसी आफिस में जमा करवा दी गई है। इस मामले में अब डीसी बनती कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने बताया कि लड़की ने कहा कि वह मर्जी से वहां से भागी थी। वह किसी से लिफ्ट लेकर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां फिरोजपुर जाने वाली ट्रेन में बैठी और फिर फिरोजपुर पहुंचकर वहां किसी से लिफ्ट लेकर जमालपुर जा पहुंची। वहां उसके रिश्तेदार रहते थे जिनके पास ठहरी। इस संबंध में प्रोग्राम आफिसर नरिंदर सिंह ने कहा कि लड़की के परिजनों को सूचित कर दिया है। बुधवार को उनके आने पर लड़की उनके सुपुर्द कर देंगे।
लापरवाही साबित हुई तो हो सकती है बड़ी कार्रवाई
करीब एक माह पहले आश्रम से भागी नाबालिग के मामले की गाज आश्रम की सुपरिंटेंडेंट मंजीत कौर पर गिरी है। सामाजिक सुरक्षा स्त्री एवं बाल अधिकार प्रमुख सचिव राजी पी श्रीवास्तवा ने मामले में मंजीत कौर की लापरवाही मानते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है। वहीं सोमवार को भागी नाबालिग के मामले में उन्होंने पूरी जांच रिपोर्ट मांगी है। यदि इस मामले में भी मंजीत कौर की लापरवाही साबित हुई तो उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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बताया जा रहा था कि लड़की ने ये कहानी खुद रची है। लड़की किसी लड़के के साथ वहां से निकली थी। उसी के साथ फिरोजपुर गई थी। जमालपुर में लड़के के भाई के ससुराल वाले रहते हैं, जिनके पास उसने लड़की को रखा। जिस घर में लड़की को लेकर गया, वह लड़की के मलोट निवासी परिजनों को जानते थे तो उन्होंने वहां फोन कर दिया। जालंधर पुलिस पहले से ही लड़की के परिजनों के साथ संपर्क में थी। सूचना मिलते ही टीम उसे लेने के लिए निकल पड़ी। वहां से लड़की को लाकर गांधी वनिता आश्रम वालों के हवाले कर दिया गया।
आश्रम में चल रहे हैं मोबाइल, लापरवाही या साजिश..!
गांधी वनिता आश्रम में मोबाइल चलाने पर पाबंदी है। प्रबंधकों के पास फोन की सुविधा है। किसी को परिजनों या किसी और से बात करनी होती है तो प्रबंधकों की इजाजत लेकर उनकी देखरेख में फोन करना होता है। बताया जा रहा है कि लड़की ने भागने से पहले मोबाइल पर किसी से संपर्क साधा था। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि लड़की के पास मोबाइल कहां से आया, किसने उसे मोबाइल दिया। यह प्रबंधकों की लापरवाही है या कोई कोई साजिश है, ये तो अब जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
आश्रम में लगेगी बायोमीट्रिक हाजरी
आश्रम से लड़कियों के भागने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रबंधकों ने आश्रम में बायोमीट्रिक हाजरी लगवाने का फैसला किया है। सभी लड़कियों के फिंगर प्रिंट्र लेकर उनकी हाजरी रोज लगवाई जाएगी। इसके अलावा आश्रम में मोबाइल न आए, इसके लिए एक लड़कियों की टीम बनाई जाएगी, जो हर हफ्ते सर्च करेंगी कि किसी के पास मोबाइल तो नहीं है। वहीं गुप्त तरीके से भी नजर रखेंगी ताकि कोई मोबाइल अंदर न चला सके।
मामले की पूरी तफ्तीश की है। लड़की का कहना था कि वह मर्जी से आई है और उसे कोई भगाकर नहीं लाया। प्रबंधकों ने भी अपनी शिकायत वापस ले ली है, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई।
-इंस्पेक्टर सतवंत सिंह, प्रभारी थाना 2