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माइग्रेन ठीक करता है भ्रामरी प्राणायाम

कोरोना काल में प्राणायाम सहित अन्य योग शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए बहुत कारगर हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 03:03 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 03:03 AM (IST)
माइग्रेन ठीक करता है भ्रामरी प्राणायाम

कोरोना काल में प्राणायाम सहित अन्य योग शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए बहुत कारगर हैं। प्राणायाम एक नहीं बल्कि बहुत हैं और सबके अलग-अलग फायदे हैं। उन्हीं में से एक है भ्रामरी प्राणायाम। वास्तव में भ्रमर का अर्थ ही मधुमक्खी होता है। इस प्राणायाम को करते वक्त व्यक्ति बिल्कुल मधुमक्खी की तरह ही गुंजन करता है, इसलिए इसे भ्रामरी प्राणायाम कहा जाता है। इसे करने से मन को शांति मिलती है। भ्रामरी प्राणायाम कानों की सुनने की शक्ति को ठीक रखता है। अनिद्रा, गुस्सा, चिता से मुक्त करता है। इसके अलावा माइग्रेन को ठीक करने में भी यह फायदेमंद है।

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सर्वप्रथम पद्मासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं। मन को शांत करके अपनी सांस सामान्य कर लें। अब अपने दोनों हाथों को बगल में अपने दोनों कंधों के समानांतर फैला लें और फिर अपनी कोहनियों को मोड़ कर हाथों को अपने कानों के पास ले आएं। अपनी दोनों आखों को बंद कर लें। अब दोनों हाथों की उंगली को आंखों पर, कानों में नासिका के ऊपर रखें। भ्रामरी प्राणायाम के दौरान ध्यान रखें कि मुंह बंद रहे और नाक से सांस लें। अब नाक से मधुमक्खी की तरह गुनगुनाएं और सांस बाहर छोड़ें। सांस छोड़ते हुए ओउम का उच्चारण करें। सांस अंदर लेने में करीब 3-5 सेकेंड और ध्वनि के साथ बाहर छोड़ने में करीब 15-20 सेकेंड का समय लगता है। करीब तीन मिनट में 5-7 बार भ्रामरी प्राणायाम किया जा सकता है। विकास कुमार, योगाचार्य, फाउंडर ऑफ योग विज्ञान संस्थान

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तनाव से रहें दूर, रोग प्रतिरोधक क्षमता पर डालता है असर

कोरोना की वजह से लोग डर, चिता व तनाव से जूझ रहे हैं, जो कि उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक है। अगर तनाव ज्यादा बढ़ जाए तो यह बहुत बड़ी बीमारी का रूप भी धारण कर सकता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर डालता है। इस समय जितना जरूरी खाने का ध्यान रखना है, उतना ही जरूरी है छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखना। सेहत के लिए संतुलित आहार लें। सुबह आंख खुले तो पर्दे का रंग व मौसम पर ध्यान दें। इसके अलावा घड़ी की टिकटिक, अलार्म एवं पक्षियों के चहचहाने पर भी ध्यान दें। रोज कम से कम 10 मिनट व्यायाम करें। दिन में थोड़ा समय निकाल कर अपने परिजनों से बात करें। खबर तो सुने, लेकिन किसी एक ही खबर के पीछे न पड़ें। अगर काम करते समय दिन में ज्यादा तनाव महसूस हो तो चार सेकेंड के लिए गहरी सांस लें, चार सेकेंड के लिए सांस रोके रखें और फिर चार सेकेंड के बाद मुंह के रास्ते सांस छोड़ें। फिर चार सेकेंड बिना सांस लिए रहें।

पवन कुमार

डाइटिशियन व साइकोलॉजिस्ट, एएनआर अस्पताल।


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