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अब दोपहर 12 से दो बजे तक भी होगी पानी की सप्लाई, एक साल पहले की गई थी बंद

गर्मी बढ़ने के बाद कई इलाकों में पानी की कमी की शिकायतें आने पर नगर निगम ने दोपहर को भी पानी की सप्लाई शुरू करने का फैसला लिया है। मंगलवार दोपहर 12 से दो बजे तक पानी की सप्लाई होगी।

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2020 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 09:57 AM (IST)
अब दोपहर 12 से दो बजे तक भी होगी पानी की सप्लाई, एक साल पहले की गई थी बंद
अब दोपहर 12 से दो बजे तक भी होगी पानी की सप्लाई, एक साल पहले की गई थी बंद

जालंधर, जेएनएन।  गर्मी बढ़ने के बाद कई इलाकों में पानी की कमी की शिकायतें आने पर नगर निगम ने दोपहर को भी पानी की सप्लाई शुरू करने का फैसला लिया है। मंगलवार दोपहर 12 से दो बजे तक पानी की सप्लाई होगी। मेयर जगदीश राजा ने निगम के ओएंडएम विभाग के अफसरों से मीटिंग करने के बाद यह फैसला लिया है। फिलहाल सुबह पांच बजे से नौ बजे तक और शाम को पांच बजे से रात नौ बजे तक पानी की सप्लाई हो रही है। करीब एक साल पहले दोपहर को पानी की सप्लाई बंद कर दी थी। ऐसा पानी की खपत और सीवरेज सिस्टम पर बोझ कम करने के लिए किया था।

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पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में पानी की कमी को लेकर लोगों की शिकायतें आ रही हैं। मेयर जगदीश राजा ने कहा कि बरसात शुरू होने पर अगर पानी की मांग कम होती है तो दोपहर के पानी की सप्लाई पर विचार करेंगे। जुलाई 2019 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मॉनिटरिंग कमेटी ने सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की विजिट करने के बाद पानी की बर्बादी रोकने के लिए कहा था। तब निगम ने दोपहर को की जाने वाली पानी की सप्लाई को 90 प्रतिशत एरिया में रोक दिया था।

प्रति व्यक्ति चाहिए 135 लीटर पानी, निगम देगा 300 लीटर

तय मानकों के अनुसार प्रति व्यक्ति पानी की सप्लाई 135 लीटर होनी चाहिए लेकिन इस समय करीब 260 लीटर प्रति व्यक्ति सप्लाई हो रहा है जो दोपहर की सप्लाई के बाद 300 लीटर के पार पहुंच जाएगा। रोजाना करीब पांच करोड़ लीटर पानी की खपत बढ़ जाएगी।

पानी की बर्बादी पर नहीं लग पा रही रोक

शहर में इस समय पानी की सप्लाई के लिए 550 ट्यूबवेल लगाए हुए हैं। हालांकि शहर में पानी की सप्लाई का नेटवर्क ठीक हो तो 350 ट्यूबवेल ही सप्लाई में सक्षम हैं। इमारतें बनाने, पाइप लगाकर गाड़ियां धोने, पाइपों में लीकेज, खुले कनेक्शनों, वाशिंग सेंटर पानी की बर्बादी का बड़ा कारण हैं।

पानी की बर्बादी के कारण छोटे पड़ जाते हैं ट्रीटमेंट प्लांट

पानी की बर्बादी के कारण शहर में लगाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी छोटे पड़ जाते हैं। अगर नियमों के मुताबिक पानी सप्लाई हो तो 175 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ही शहर में काफी है लेकिन पानी की बर्बादी इतनी ज्यादा है कि 235 एमएलडी के ट्रीटमेंट प्लांट भी कम पड़ जाते हैं। इस कारण प्लांट से बिना ट्रीट किए ही गंदा पानी दरियाओं में फेंक दिया जाता है।

कई इलाकों में बढ़ सकती है सीवरेज समस्या

पानी की खपत बढ़ने से सीवरेज सिस्टम पर दबाव बढ़ेगा। इससे कई इलाकों में सीवरेज जाम की समस्या बढ़ सकती है। खास कर बस्तियों पर ऐसी शिकायतें बढ़ सकती हैं। पहले भी कई इलाकों में सीवरेज जाम की समस्या आने पर पानी में कटौती होती रही है। सीवरेज ट्रीटमेंट के पास के इलाकों में जहां सीवर लाइन काफी ऊंची हैं वहां ब्लॉकेज की शिकायत काफी आती है।

जिम्मेदार बनें, पानी की बर्बादी रोकें

निगम ने अब दोपहर को पानी की सप्लाई दोबारा शुरू की है। इससे जमीन के नीचे का पानी का स्तर कम होता जाएगा। इसलिए लोगों से अपील है कि घरों में बाल्टियों में पानी भर कर रखें ताकि दोपहर के समय पानी की जरूरत कम रहे। पौधों को पानी सुबह दें। गाड़ियां धोने के लिए पाइप का इस्तेमाल न करें।


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