पानी का बिल न भरने पर डीसी, पुलिस कमिश्नर समेत 74 अफसरों को नोटिस Jalandhar News
अफसरों पर 64 लाख रुपया बकाया है। नगर निगम निगम ने नोटिस जारी करके चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन में पानी-सीवरेज का बिल जमा न करवाया तो कनेक्श्न काट दिए जाएंगे।
जालंधर, जेएनएन। पानी के बिल न चुकाने पर ओल्ड बारादरी में 74 घरों को नोटिस जारी किए गए हैं। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ओल्ड बारादरी में डीसी, पुलिस कमिश्नर समेत पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी रहते हैं। इन बड़े अफसरों पर कई साल का 64 लाख रुपया बकाया है। नगर निगम निगम ने नोटिस जारी करके चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन में पानी-सीवरेज का बिल जमा न करवाया तो कनेक्श्न काट दिए जाएंगे। यह पहला मौका है जब अफसरों की कॉलोनी में नोटिस जारी किए गए हैं।
खास बात यह है कि नगर निगम की ओर से इन दिनों डिफाल्टरों से बकाया बिलों की वसूली के लिए नोटिस भेजे रहे हैं। यही नहीं अब तक करीब 150 कनेक्शन भी काटे गए हैं। अब क्या अफसरों के भी कनेक्शन काटे जाएंगे इसे लेकर जिज्ञासा बनी रहेगी। जो नोटिस जारी किए गए हैं। उन कनेक्शनों के आइडी नंबर वाली सूची भी जारी हुई है। इनमें पांच कनेक्शन ऐसे हैं जिनका बिल लाखों में है। यह नोटिस जारी किए गए तीन दिन हो गए हैं लेकिन आधिकारिक रूप से कोई भी अफसर बोलने का तैयार नहीं है।
पेचीदा सरकारी सिस्टम से रुक रही पेमेंट
ऐसा नहीं है कि अफसर बिल नहीं चुका रहे। जब अफसरों को यह कोठियां अलॉट होती हैं तो रिहायश के सभी खर्च हर महीने संबंधित अफसर के वेतन में से काट लिए जाते हैं। यह रुपया राज्य सरकार के खाते में चला जाता है और वहीं से विभागों को अपनी पेमेंट जारी करवानी होती है। यह प्रोसेस काफी पेचीदा है जिस कारण विभाग अपना बकाया लेने में जल्द सफल नहीं हो पाते और विभागों के खातों में यह यूनिट्स डिफॉल्टर ही रहते हैं। अगर नगर निगम को पेमेंट लेनी है तो हर विभाग के चंडीगढ़ में चक्कर लगाने होंगे।
सरकारी विभागों से होती रही है वसूली, अफसरों को पहली बार नोटिस
नगर निगम का जलापूर्ति विभाग सरकारी दफ्तरों से बिलों की वसूली करता रहा है। सरकारी विभागों के परिसरों, पीएपी, पुलिस लाइन, रेलवे, डीसी ऑफिस, रोडवेज समेत अन्य विभागों से सीवरेज के शेय¨रग चार्जिस भी वसूले जाते हैं। पिछले समय में करोड़ों रुपये की रिकवरी हुई है। यह पहली बार है कि बड़े अफसरों के रिहायशी बिलों की वसूली के लिए नोटिस भेजे गए हैं। सरकारी विभागों से वसूली के लिए नगर निगम ने एक अफसर को विशेष रूप से तैनात किया है जिसका काम सिर्फ सरकारी विभागों को ही डील करना है।