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पानी के कॉमर्शियल कनेक्शनों का सर्वे कराएगा निगम

नगर निगम द्वारा शहर में पानी एवं सीवरेज कमर्शियल कनेक्शनों का सर्वे कराया जाएगा। इसके साथ ही निगम द्वारा अगले सप्ताह से 9 हजार से अधिक डिफाल्टरों को रिकवरी के बिल भी भेजे जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:55 PM (IST)
पानी के कॉमर्शियल कनेक्शनों का सर्वे कराएगा निगम
पानी के कॉमर्शियल कनेक्शनों का सर्वे कराएगा निगम

जागरण संवाददाता, जालंधर :

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राजस्व बढ़ाने के लिए नगर निगम की वाटर सप्लाई एंड सीवरेज ब्रांच अगले सप्ताह से शहर में कॉमर्शियल कनेक्शनों का सर्वे कराएगी। निगम के रिकार्ड के मुताबिक शहर में साढ़े 12 हजार से अधिक कॉमर्शियल कनेक्शन हैं मगर इनमें से केवल 6200 पर ही मीटर लगे हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतर कॉमर्शियल कनेक्शनों को तीन साल से अधिक समय से पानी के बिल ही नहीं भेजे गए हैं। इस कारण निगम को कोई राजस्व नहीं मिल पा रहा। रेजिडेंशियल कनेक्शनों का भी यही हाल है। निगम के रिकार्ड के मुताबिक डेढ़ लाख कनेक्शनों में से केवल 2730 पर ही मीटर लगे हैं। निगम कमिश्नर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वाटर सप्लाई एंड सीवरेज ब्रांच को सभी पें¨डग बिल 30 सितंबर तक उपभोक्ताओं को पहुंचाने और उनसे रिकवरी करने के निर्देश जारी किए हैं।

वाटर सप्लाई एंड सीवरेज ब्रांच के सुपरिंटेंडेंट मुनीष दुग्गल ने कहा कि कॉमर्शियल और रेजीडेंशियल कनेक्शनों के डिफाल्टरों से रिकवरी की वसूली के लिए शहर में सर्वे कराया जाएगा। पहले कॉमर्शियल कनेक्शनों का सर्वे होगा। इसे अगले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा। कामर्शियल कनेक्शनों का सर्वे पूरा होने के बाद रेजीडेंशियल कनेक्शनों का सर्वे भी कराया जाएगा।

9 हजार डिफाल्टरों की सूची तैयार

मुनीष दुग्गल ने बताया कि 9 हजार से अधिक डिफाल्टरों की सूची तैयार कर ली गई है। इनमें कुछ रिहायशी कनेक्शनों के डिफाल्टर भी शामिल हैं। सोमवार से इन बिलों को भेजना शुरू कर दिया जाएगा। मुनीष दुग्गल ने कहा कि ब्रांच की ओर से सभी कॉमर्शियल कनेक्शनों पर मीटर लगवाने की सिफारिश की गई है।

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पिछले साल के मुकाबले 90 लाख रुपये अधिक रिकवरी

मुनीष दुग्गल ने बताया कि रिकवरी के मामले में सख्ती बरती जा रही है। निगम कमिश्नर के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए इस साल 14 सितंबर तक पिछले साल के मुकाबले 90 लाख रुपये से अधिक की रिकवरी की गई है। बीते वर्ष 14 सितंबर तक पांच करोड़ रुपये की रिकवरी की गई थी। इस साल यह आंकड़ा छह करोड़ तक पहुंच गया है।


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