सीएम के फोन के बाद हड़ताल खत्म करवाने में जुटे अफसर, बैकफुट पर आए मेयर और विधायक
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा से फोन पर बात की। इसके बाद अफसर हरकत में आ गए और यूनियनों से बातचीत का दौर शुरू हो गया है।
जालंधर, जेएनएन। आउटसोर्सिंग पर सीवरमैनों की भर्ती के विरोध में नगर निगम सफाई मुलाजिमों की हड़ताल खत्म करवाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। हड़ताल का मामला विधानसभा सेशन में उठने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा से फोन पर बात की। इसके बाद अफसर हरकत में आ गए और यूनियनों से बातचीत का दौर शुरू हो गया है। सफाई मुलाजिमों की हड़ताल का मुद्दा विधानसभा में वाल्मिकी समाज के नेता डॉ. राजकुमार वेरका ने उठाया था।
पुलिस लाइन में निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा, डीसीपी बलकार सिंह ने पंजाब सफाई मजदूर फेडरेशन के प्रधान चंदन ग्रेवाल और अन्य यूनियन नेताओं से मीटिंग की। कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने हड़तालियों को ऑफर दी है कि वह हड़ताल समाप्त कर दें। उनकी मांगों का प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजेंगे। यूनियन नेताओं ने फिलहाल इससे इन्कार कर दिया है। मुख्यमंत्री के फोन के बाद अफसर हड़ताल खत्म करवाने के प्रयास में लग गए। डीसीपी बलकार सिंह ने निगम परिसर में हड़ताल के दौरान ही चंद्रन ग्रेवाल से मीटिंग भी की।
आउटसोर्स पर मुलाजिम न रखने का प्रस्ताव भी कांग्रेस सरकार ने पास किया हुआ है। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में भी इसे शामिल किया था। मेयर जगदीश राजा ने कहा कि सीएम का फोन आया है। यूनियनों को तो पहले ही कह चुके हैं कि उनकी मांगे सरकार को भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यूनियनों से कमिश्नर बात कर रहे हैं और उन्हें हड़ताल स्थगित करने के लिए कहा है।
यूनियन दोफाड़ कर मेयर ने शहर में हड़ताल को किया था बेअसर
सोमवार को शुरू हुई हड़ताल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए मेयर जगदीश राजा ने यूनियनों को भी तोड़ा था और हाउस की आपात मीटिंग बुला कर आउटसोर्स पर सीवरमैन भर्ती करने को जायज भी ठहराया था। अब मुख्यमंत्री की एंट्री से मेयर, विधायक और निगम अफसर बैकफुट पर जा सकते हैं।
सीएम ने ब्रह्म मोहिंदरा को रेफर किया मामला
विधानसभा में जब विधायक डॉ. राजकुमार वेरका ने यह मामला उठाया तो सीएम ने आउटसोर्सिंग पर मुलाजिम रखने की पॉलिसी पर रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने लोकल बॉडी मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा से कहा है कि वह इस मामले में खुद काम करें।
मेयर आज कर सकते हैं यूनियनों से मीटिंग, सुलझ सकता है मसला
हड़ताल के खिलाफ कड़ा स्टैंड लेने वाले मेयर जगदीश राजा को मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद यूटर्न लेना पड़ सकता है। विधायक भी समझौते की मीटिंग से दूर रह सकते हैं। पूरा मामला मेयर पर आ सकता है। इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा हस्तक्षेप विधायक राजिंदर बेरी का रहा है। वह मंगलवार को चंडीगढ़ से जल्द लौट आए और मामले को सुलझाने के लिए रणनीति बनाते रहे। मंगलवार को विधायक यूनियनों की मीटिंग में खुद जाने की बजाए मेयर और अफसरों को ही आगे कर सकते हैं।
यूनियनों ने ऑफिस, सुविधा सेंटर बंद करवाया
पहले दिन कमजोर पडऩे के बाद हड़ताल के दूसरे दिन यूनियनों ने नगर निगम में ऑफिस भी बंद करवा दिए। यूनियन नेता निगम कंप्लेक्स स्थित सभी दफ्तरों में गए और मुलाजिमों को काम बंद करने के लिए कहा। इसके बाद मुलाजिम दफ्तरों से बाहर आ गए। हड़तालियों ने निगम ऑफिस की बेसमेंट स्थित सुविधा सेंटर को भी बंद करवा दिया। इससे पानी के बिल, प्रॉपर्टी टैक्स, बर्थ-डेथ सर्टीफिकेट समेत अन्य काम करवाने आए लोगों को वापस लौटना पड़ा। प्रॉपर्टी टैक्स की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का बुधवार को आखिरी दिन है। मंगलवार को लोगों को टैक्स जमा करवाने में मुश्किल आई और अब आखिरी दिन काफी भीड़ हो सकती है। अगर बुधवार को भी ऑफिस बंद करवा दिए जाते हैं तो लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दूसरे दिन भी साफ हुए डंप, मोहल्लों में गंदगी फैली
हड़तालियों के खिलाफ कड़ा स्टैंड लेते हुए सोमवार को मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने यूनियन को दोफाड़ करवा कर काम करने वालेकू मुलाजिमों से डंप साफ करवाए। मंगलवार को भी शहर में मेन डंप खाली करवाए गए। हालांकि मोहल्लों में कूड़े के ढेर लगने शुरू हो गए हैं। छोटे डंप साफ नहीं हो रहे हैं। बाजारों में भी कूड़े के ढेर लग गए हैं। मेयर जगदीश राजा ने लोगों से सहयोग की अपील की है।