मेयर ने कमिश्नर से पूछा : क्या हैं मेरे अधिकार
17 मई को मेयर द्वारा लिखे गए इस पत्र ने पूरे निगम कार्यालय में हलचल मचा दी है।
जासं, जालंधर : मेयर ने कमिश्नर को एक पत्र लिखकर पूछा है कि उनके क्या अधिकार है? 17 मई को मेयर द्वारा लिखे गए इस पत्र ने पूरे निगम कार्यालय में हलचल मचा दी है। अलग-अलग लोग इस पत्र के अपने मन मुताबिक अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। हालांकि, अफसर हों या निगम के अन्य मुलाजिम ज्यादातर का मानना है कि मेयर ने इस तरह का पत्र लिखकर कोई सूझबूझ वाला काम नहीं किया है।
गौरतलब है कि इसी साल 25 जनवरी को मेयर पद संभालने वाले जगदीश राजा और निगम कमिश्नर बसंत गर्ग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा, यह अब किसी से छिपा नहीं है। मेयर कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि निगम में सब ठीक चल रहा था। लेकिन 26 अप्रैल को मेयर कार्यालय से लिखे गए एक पत्र में मेयर द्वारा कमिश्नर से निगम की कुछ जानकारी मांगी गई थी। कमिश्नर की ओर से इस पत्र का मेयर को कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद मेयर कार्यालय की ओर से कमिश्नर कार्यालय को 27 अप्रैल, सात मई, दस मई को भी अलग-अलग पत्र लिखकर निगम की जानकारियां मांगी गईं। लेकिन कमिश्नर कार्यालय की ओर से किसी पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया।
मेयर कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि उसके बाद 17 मई को मेयर द्वारा कमिश्नर को मेयर का प्रोटोकाल याद दिलाने के लिए ऐसा पत्र लिखा गया कि कमिश्नर बताएं कि मेयर की पावर और अधिकार क्या हैं? हालांकि, मेयर कार्यालय की ओर से कमिश्नर को 17 मई के बाद भी 21, 22 और 23 मई को भी पत्र लिखकर निगम की कई जानकारियां मांगी गईं हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कमिश्नर कार्यालय की ओर से मेयर के किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया गया है। इसके चलते माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मेयर और कमिश्नर में तनातनी और बढ़ सकती है। कमिश्नर को अधिकार पूछने का पत्र लिखने संबंधी पूछे जाने पर मेयर जगदीश राज राजा का कहना था कि पत्र उनके कार्यालय से भेजा गया है, पर उसके जो मायने निकाले जा रहे हैं, वो ठीक नहीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल वो शाहकोट उपचुनाव में व्यस्त हैं इसके चलते इस बारे में अभी कोई बात नहीं करेंगे। वहीं, मेयर कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक कमिश्नर को पत्र लिखने का आश्य उन्हें इतना बताना था कि मेयर कार्यालय से किए गए आधिकारिक पत्राचार का समय रहते जवाब देना उनकी ड्यूटी में शामिल है। इसके साथ ही 17मई को लिखे पत्र में कमिश्नर को यह भी जताने की कोशिश की गई थी कि कमिश्नर की एसीआर लिखने का अधिकार भी मेयर के पास है।