सिविल अस्पताल में ब्लड व प्लेटलेट्स के लिए लग रहीं लंबी कतारें, मरीज परेशान
ब्लड बैंक में खून व प्लेटलेट्स सेल लेने वालों का ताता लगा रहा और लोग लाइनों में लगे रहे।
जागरण संवाददाता, जालंधर: डेंगू व वायरल बुखार के बढ़ते ग्राफ की वजह से मरीजों के प्लेटलेट्स कम होने का सिलसिला जारी है। स्टाफ की कमी व एक एफ्रेसिस यूनिट की वजह से शुक्रवार को छुट्टी की वजह से ब्लड बैंक में मरीजों के परिजनों को परेशानी झेलनी पड़ी।
सिविल अस्पताल में वायरल व डेंगू की गिरफ्त में आने वाले 135 के करीब मरीजों का इलाज चल रहा है। ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 60-70 फीसदी वायरल बुखार के लक्षणों से प्रभावित हैं। ब्लड बैंक से रोजाना 10-12 एसडीपी तैयार करने के अलावा 25-30 यूनिट पीआरपी मरीजों को चढ़ाने के लिए जारी किए जा रहे हैं।
शुक्रवार को ब्लड बैंक में खून व प्लेटलेट्स सेल लेने वालों का ताता लगा रहा और लोग लाइनों में लगे रहे। मरीजों के परिजनों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ा। इमरजेंसी में दाखिल मरीज मलकीत सिंह के बेटे सोनू ने बताया कि उसके पिता गिर गए थे। उन्हें वीरवार को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया था। डॉक्टरों ने उन्हें खून चढ़ाने की सलाह दी। वीरवार शाम से डोनर साथ लेकर ब्लड बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। अस्पताल में स्टाफ कमी की वजह से भीड़ बढ़ जाती है। वहीं वायरल बुखार से अस्पताल में दाखिल मरीज के परिजन सोमनाथ ने बताया कि डॉक्टर ने एसडीपी चढ़ाने की सलाह दी। उन्हें ए पाजिटिव ब्लड ग्रुप वाला डोनर ढूंढने में परेशानी हुई। इसके बाद एसडीपी तैयार करवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। एक मशीन होने की वजह से निजी अस्पतालों में दाखिल मरीजों की वजह से समस्या पैदा हो रही है। ब्लड बैंक में स्टाफ की कमी पूरी की जाएगी: एमएस
सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. जसमीत कौर बावा का कहना है कि ब्लड बैंक में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा। नर्सिग स्टूडेंट्स भी स्टाफ की सहायता के लिए तैनात किए जाएंगे। एसडीपी तैयार करने फगवाड़ा से एफ्रेसिस यूनिट को जालंधर में शिफ्ट करवाया जाएगा। पत्र सिविल सर्जन कपूरथला को जारी किया जा चुका है।