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एलकेसी ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की डी-कोडिग पर कराई वर्कशाप

एलकेसी टेक्निकल कैंपस की तरफ से पीएचडी चैंबर के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकारों की डी-कोडिग पर कार्यशाला करवाई गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 05:47 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 05:47 PM (IST)
एलकेसी ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की डी-कोडिग पर कराई वर्कशाप
एलकेसी ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की डी-कोडिग पर कराई वर्कशाप

जासं, जालंधर : एलकेसी टेक्निकल कैंपस की तरफ से पीएचडी चैंबर के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकारों की डी-कोडिग पर कार्यशाला करवाई गई। इसमें अजय महाजन ने सभी सदस्यों का स्वागत किया और बौद्धिक संपदा अधिकारों का संक्षिप्त परिचय दिया। डायरेक्टर डा. एसके सूद ने सभी का स्वागत किया। गीता गुलाटी एडवोकेट ट्रेडमार्क और पेटेंट अटार्नी, डा. श्वेता सेन हेड आइपीआर और कुंदन लाल एमएसएमई लुधियाना के सहायक निदेशक मंत्रालय और प्रतिभागियों ने वेबकास्टिग के माध्यम से दूरस्थ रूप से शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया। गीता गुलाटी ने फर्मों में आविष्कारों और रचनात्मक कार्यों की रक्षा के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की आवश्यकता को रेखांकित किया। डिप्टी डायरेक्टर डा. आरएस देयोल ने पीएचडी सीसीआइ के सदस्यों, सहायक निदेशक एमएसएमई और सेशन के वक्ताओं का धन्यवाद किया। डायरेक्टर सुखबीर सिंह चट्ठा ने वेबिनार की आयोजन टीम को बधाई दी। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे वेबिनार आयोजित करने के लिए प्रेरित किया।

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