Cricketer हरभजन की लिखी कविता की पंक्तियां Social Media पर शेयर, प्रशंसकों ने एेसे जताई प्रतिक्रिया
जालंधर शहर में क्रिकेटर हरभजन सिंह खासे चर्चा में है। इसका कारण भी अजीब है। कविता लिखने से पहले भी भज्जी पंजाबी फिल्म सेकेंड हसबेंड में गेस्ट अपियरेंस दे चुके हैं।
जालंधर, जेएनएन। खेल के मैदान में अपनी गेंदबाजी से विरोधी टीम के खिलाडिय़ों का सिरदर्द बनने वाले टर्बनेटर हरभजन सिंह का पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री से लगाव किसी से छिपा नहीं है। जब कभी उन्हेंं मौका मिला तो इसमें भी वे नजर जरूर आ ही जाते हैं। हाल ही में लॉकडाउन के दौरान हरभजन सिंह द्वारा लिखी गई कविता की पंक्तियां सोशल मीडिया पर शेयर हुईं तो उनके प्रशंसकों ने खूब सराहा।
इससे पहले हरभजन पंजाबी फिल्म 'सेकेंड हसबेंड' में गेस्ट अपियरेंस भी दे चुके हैं। गायक तेजी संधू के गीत पर अभिनय कर चुके हरभजन अब पंजाबी गायक तरसेम जस्सड़ के गीत में दिख रहे हैं, जिसे उनके दोस्त विक्रम सिद्धू ने सोशल मीडिया में शेयर किया है। इसे भी उनके प्रशंसकों ने पसंद किया है। दस्तार बांधे हरभजन सिंह इसमें दिखाई दे रहे हैं। विक्रम सिद्धू बताते हैं कि हरभजन सिंह जल्द ही एक तमिल फिल्म में अभिनय करते नजर आएंगे।
...तो चलेगा पुलिस का बल्ला
कोरोना के खौफ से पहले रविवार को शायद ही कोई खेल मैदान ऐसा था, जहां क्रिकेट क्लबों के बीच मैच न होता हो। अब हालात बदल गए हैं। मैदान रविवार को भी वीरान रहते हैं। हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ छूट मिलने के बाद फिर मैदानों पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन भी नहीं हो रहा था। जैसे ही पुलिस को इसका पता चला, उसने मैदान पर अपनी बल्लेबाजी की चेतावनी दे दी।
खाकी का सख्त रवैया देखकर खिलाडिय़ों ने भी फिर से अपने कदम मैदान से बाहर खींच लिए हैं। पुलिस प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि यदि किसी क्लब के सदस्य मैदानों में मैच खेलते पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह ठीक भी है। मैदान पर भी ऐसी कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए जिससे कोरोना को 'खेलनेÓ का मौका मिले।
खली को डरा रहीं मक्खियां
रिंग में बड़े-बड़े विदेशी रेसलरों को धूल चटाने वाले डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह राणा इन दिनों कभी घर में पकौड़े बनाने की वीडियो, कभी गाड़ी धोने तो कभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने का संदेश दे रहे हैं। इसी बीच रेसलिंग को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास करते रहते हैं। इसी के तहत पिछले दिनों उन्होंने हरियाणा के समाना में रेसलिंग इंस्टीट्यूट खोलने की इच्छा जाहिर की।
इसके लिए बाकायदा करनाल के एडीसी से मिलकर बातचीत भी की। सबकुछ ठीक था, हरियाणा में खेलों के लिए माहौल भी अनुकूल ही रहता है, लेकिन यहां मक्खियों की भरमार देखकर एकबार के लिए उनके कदम भी ठिठक गए। उनके लिए यह समस्या गंभीर थी। उन्होंने एडीसी के सामने इस मुद्दे को उठाकर इसका हल निकलवाने की अपील की। अब देखना है कि प्रशासन खली के लिए मक्खियों को कैसे मात देता है।
जाने कहां गए वो दिन...
कोरोना के कारण जबसे लॉकडाउन लगा है, तभी से हर तरह की खेल गतिविधियां ठप हैं। ऐसे में खिलाड़ी, कोच उन दिनों को याद कर रहे हैं, जब वे मैदान में पसीना बहाते थे। कुछ खिलाड़ी इस दौरान परिजनों को भी याद कर भावुक हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी सचिन रत्ती भी आजकल पुराने दिनों को याद कर इसके संदेश सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं।
उन्होंने पिता और बैडमिंटन कोच चमन लाल रत्ती की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। यह फोटो वर्ष 1975-76 की है जब चमन लाल कोच के साथ-साथ मैनेजर भी थे। तब टीम ने जीएनडीयू बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था। सचिन रत्ती ने बताया कि पापा की याद आ रही थी। उन्हेंं हमेशा मैं मिस करता हूं। कहते हैं कि फोटो को देख ऐसा लगता है कि पापा मेरे साथ ही हैं। इसे बैडमिंटन प्रेमियों ने खूब प्यार दिया है।