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तीन दिन में 347 मिमी बारिश, 8 महीने की बच्ची की डूबने से मौत, छत गिरने से दंपती जख्मी

60 घंटे से हो रही बारिश अब जानलेवा बन है। प्रीतनगर, सोढ़ल मंदिर के निकट जलभराव ने एक मासूम बेटी को लील गया। भगत¨सह कॉलोनी व कालिया कॉलोनी में उफने नालों का पानी लोगों के घरों में घुस गया। किला कोठी के छत गिरने से एक दंपत्ति घायल हो गया। भगत¨सह कॉलोनी में हालात काबू से बाहर होते देख सुबह सूचना मिलने के बाद एडीसी (डी) ज¨तदर जोरवाल व निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सैंड से भरी बोरियां का बंधा लगाकर हालातों पर काबू पाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 01:55 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 01:55 AM (IST)
तीन दिन में 347 मिमी बारिश, 8 महीने की बच्ची की डूबने से मौत, छत गिरने से दंपती जख्मी
तीन दिन में 347 मिमी बारिश, 8 महीने की बच्ची की डूबने से मौत, छत गिरने से दंपती जख्मी

जागरण टीम, जालंधर

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60 घंटे में 347 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश ने प्रीतनगर, सोढल मंदिर के पास 8 महीने की मासूम बच्ची की जान ले ली। करतारपुर के किला कोठी क्षेत्र में छत गिरने से पति-पत्नी घायल हो गए। सुबह भगत ¨सह कॉलोनी व कालिया कॉलोनी में उफनते नाले का पानी तटबंध तोड़ घरों में घुस गया। हालात काबू से बाहर होते देख एडीसी (डी) ज¨तदर जोरवाल व निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर रेत से भरी बोरियों से बंध लगाकर हालात पर काबू पाया। यही नहीं, बारिश के कारण तीन दिन से ही भगत ¨सह कॉलोनी में पेयजल सप्लाई बाधित होने के कारण लोग परेशान हैं।

सुबह लगभग साढ़े 6 बजे भगत ¨सह कॉलोनी में उफनते नाले का बांध टूट गया और पानी कई मकानों में भर गया। शोरशराबा होने पर पार्षद विक्की कालिया, एडीसी (डी) ज¨तदर जोरवाल व निगम अधिकारी मौके पर पहुंचे। दो जेसीबी की मदद से रेत से भरी बोरियां की दीवार खड़ी की गई। जेसीबी की मदद से नालों की सफाई किए जाने के बाद कर हालात पर काबू पाया जा सका। उसी समय कालिया कॉलोनी व गुरु अमरदास नगर के बीच दो मरले मकानों वाली साइड में नाला टूट गया, हालांकि यहां पानी में घरों तक पहुंचने से पहले ही लोगों ने बांध बनाकर बहाव रोक दिया। मौके पर पूर्व सीपीएस केडी भंडारी और पार्षद विक्की कालिया भी पहुंचे। पहले लोगों ने बहाव रोकने की कोशिश की। बाद में जेसीबी की मदद लेकर 2 बजे हालात पर काबू पाया गया। कॉलोनी के लोगों ने कहा कि इस बार निगम ने नाले की सफाई नहीं करवाई थी। इसी कारण हालात बेकाबू हो गए।

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बैंक की छत गिरी, साई दास स्कूल की दीवार ध्वस्त

11 बजे जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्थित ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की सी¨लग ध्वस्त होने से मलबा नीचे आ गिरा। गनीमत रही कि मलबा कंप्यूटरों पर ही गिरा। शाम को गोपाल नगर स्थित साई दास स्कूल की दशहरा ग्राउंड वाली दीवार का लगभग 3-4 फीट का हिस्सा गिर गया और मलबा सड़क पर फैल गया।

लाल बाजार में खंडहर इमारत गिरी

वार्ड-54 में लाल बाजार में एक खंडहर इमारत ध्वस्त हो गई। सूचना मिलते ही पार्षद रीटा शर्मा मौके पर पहुंच गई थीं। संयोगवश खंडहर इमारत के आसपास सुबह कोई नहीं था। सूरानुस्सी स्थित केंद्रीय विद्यालय परिसर में एक फीट तक पानी भर गया है, बच्चे इसी पानी में से होकर सोमवार को अपनी कक्षाओं में पहुंचे।

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करतारपुर के सरकारी स्कूल में भरा पांच फीट पानी

दयालपुर सरकारी स्कूल, करतारपुर में 5 फीट तक पानी गया। सुबह स्टाफ पहुंचा तो स्कूल तलाब के रूप में देख ¨प्रसिपल ने स्टाफ को अंदर जाने से रोक दिया। उन्हें डर था कि कंप्यूटर लैब में पानी भर जाने से करंट फैल सकता था। बिजली सप्लाई बंद कराने के बाद स्टाफ के कुछ सदस्य अंदर पहुंचे, जो सामान पानी की जद में नहीं आया था उसे सुरक्षित स्थान पर रख दिया। बाद में बच्चों की छुट्टी कर दी गई जबकि सोमवार से बच्चों के सितंबर टर्म पेपर शुरू होने थे।

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जानलेवा गड्ढे बने हादसों का कारण

पिम्स से पहले रिलायंस मॉल के सामने लगभग एक फीट गहरा सड़क के बीच में काफी बढ़ा गड्ढा हो गया है, जिसमें पानी भर जाने ये खतरनाक रूप ले चुका है। बस स्टैंड के निकट गढ़ा रोड की तरफ, कूल रोड, अर्बन ईस्टेट फेस-1, गढ़ा रोड, गोल्डन एवेन्यू, लाडोवाली रोड मोड़ पर पटवारखाने के पिछले हिस्से, मॉडल हाउस मॉल रोड, बीएमसी चौक के निकट, गुरुनानक मिशन चौक, ¨खगरा गेट, भगत ¨सह कॉलोनी से रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग पर सड़क में जानलेवा गड्ढे बन चुके हैं। कई हादसों के बाद लोगों ने पानी से भरे इन गड्ढों से बचने के लिए पेड़ों की टहनी आदि लगा दी है। निगम की ओर से लोगों की जान बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है।

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बारिश तो परमात्मा की देन है, इसमें निगम क्या कर सकता है : मेयर

सीधी बात: जगदीश राज, मेयर नगर निगम

प्रश्न : लगातार बारिश के बाद शहर की सड़कों पर बने जानलेवा गड्ढे, उफनते नालों से कोप से लोगों को बचाने के लिए निगम की क्या भूमिका है?

-बारिश तो परमात्मा की देन है, इसमें निगम क्या कर सकता है। बारिश थमने पर ही गड्ढे भरे जा सकेंगे। निगम सीवरेज की सफाई कर रहा है।

-सड़कों पर बने गड्ढों में लोग चोटिल हो रहे हैं, लोगों को सचेत करने के लिए भी निगम कुछ नहीं कर सकता है क्या?

-लोगों को अकेले निगम के भरोसे नहीं रहना चाहिए, जिसे भी गड्ढे की जानकारी मिलती है वह लोगों को बचाने के लिए वहां कोई न कोई संकेतक लगा दे, ये अकेले निगम की नहीं, पूरे शहर की मानवता के नाते जिम्मेदारी है।


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