Dhanteras 2019: इस बार महासंयोग में होगी धनतेरस पूजा, पीली धातु खरीदने पर मिलेगा 13 गुणा फल
Dhanteras 2019 ज्योतिषियों के मुताबिक धनतेरस में खरीददारी का फल बेहतर मिलता है। इस पावन मौके पर मां महालक्ष्मी की पूरा करने से कभी भी धन की कमी नहीं आती है।
जालंधर, [शाम सहगल]। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी यानि धनतेरस पर महालक्ष्मी की पूजा पर पहली बार स्थिर व प्रदोष काल का महासंयोग बनने जा रहा है। मान्यता है कि इस महासंयोग में पीली धातु खरीदने पर 13 गुना फल मिलता है। यही नहीं, धनतेरस के दिन धनवंतरी प्रकट व यम पूजा का भी विधान है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक समंदर मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को ही धनवंतरि का जन्म हुआ था। जिसे लेकर धनतेरस मनाने की परंपरा शुरू हुई। इसी तरह धनतेरस वाले दिन ही यम पूजा की जाती है।दरअसल, दीपावली से दो दिन पूर्व मनाए जाते धनतेरस पर इस बार पहली बार स्थिर लग्न तथा प्रदोष काल का महासंयोग बन रहा है।
शहर के ज्योतिषियों के मुताबिक, इस महासंयोग में की गई पीली धातु की खरीददारी का फल इंसान को 13 गुना मिलता है। वहीं मां महालक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ घर में सुख व समृद्धि के साथ-साथ धन का आगमन होता है। इस बारे में प्राचीन शिव मंदिर, गुड़ मंडी के प्रमुख पुजारी पंडित नारायण शास्त्री बताते हैं कि धनतेरस वाले दिन सोना, चांदी व बर्तन के अलावा किसी भी पीली धातु की खरीद करने से मां महालक्ष्मी प्रसन्न होती है।
धनतेरस के मौके पर बाजारों में खरीददारी करने पहुंचे लाेग।
क्षीर सागर के मंथन में प्रकट हुए थे धनवंतरी
क्षीर सागर के मंथन से ही आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे। इसके साथ ही मृत्यु के देवता यमराज की पूजा भी इसी दिन की जाती है। जिसके चलते धनतेरस वाले दिन का महत्व भी दीपावली से कम नहीं होता है।
स्वर्णाभूषण की खरीददारी का शुभ समय
शाम 6.43 बजे से 7.09 बजे
धनतेरस पूजा करने का शुभ महुर्त
- शाम 7.10 से लेकर 8.15 बजे
- प्रदोष काल : 5.42 से 8.15 बजे
- वृषभ काल : 6.51 बजे से 8.46 बजे
राशि के हिसाब से करें धनतेरस की खरीददारी
मेष: ड्रेस, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, चांदी व तांबे के बर्तन।
वृष: तांबे व चांदी के गोलाकार बर्तन।
मिथुन: स्वर्ण आभूषण, स्टील के बर्तन और हरे रंग के घरेलू सामान।
कर्क: चांदी के आभूषण व चांदी के ही बर्तन।
सिंह: वाहन, तांबे के बर्तन व वस्त्र।
कन्या: भगवान सिद्धि विनायक की प्रतिमा, सोने व चांदी के आभूषण, मंदिर में स्थापित करें कलश।
तुला: घर सज्जा के सदस्य, सौंदर्य प्रंसाधन व चांदी के बर्तन।
वृश्चिक: इलेक्ट्रिकल उत्पाद व सोने के आभूषण।
धनु: स्वर्ण आभूषण, तांबे के बर्तन।
मकर: वस्त्र, वाहन, चांदी के बर्तन।
कुंभ: सौंदर्य के सामान, स्वर्ण, पांव में पहनने के लिए जूते।
मीन: स्वर्ण आभूषण व पीतल के बर्तन।
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