Happy Lohri : त्योहार की खुशी के साथ अपने प्रियजनों को दें तंदुरुस्ती का तोहफा
Lohari 2020 लोहड़ी का पर्व सर्दियों के अंत का संकेत देता है। मौसम में बदलाव के साथ किस तरह हम इस त्योहार को मना सकते हैं आइए जानते हैं।
जालंधर, [जगदीश कुमार]। लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस त्योहार को सर्दियां खत्म होने की शुरुआत का संकेत भी माना जाता है। मौसम में होने जा रहा बदलाव हमारे शरीर पर असर डालता है। ऐसे में जरूरी होता है कि हम उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। लोहड़ी पर खाए जाने वाली वस्तुएं इस लिहाज से महत्वपूर्ण होती हैं। साथ ही यह वस्तुएं और भी कई गुणों से भरपूर हैं। आइए जानते हैं कौन सी चीज हमारी सेहत पर क्या असर डालती है।
गुड़: यह पाचन क्रिया को बेहतर करती है। कब्ज की समस्या दूर करती है। गैस से भी राहत दिलाती है। अस्थमा में संजीवनी है। गुड़ इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मददगार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। मैग्नीशियम की उपस्थिति ब्रोन्कियल मांसपेशियों को मजबूत करती है, जो अस्थमा में सांस को नियमित करने में मदद करती है। गुड़ आयरन में समृद्ध है जो रक्त संचार में भी सुधार करती है। 10 ग्राम गुड़ हमें करीब 38 कैलोरी प्रदान करता है। इसमें विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं जो चीनी में नहीं होते हैं।
मूंगफली और उससे तैयार खाद्य
मूंगफली की तासीर गर्म होती है। यह पाचन क्रिया बेहतर रखने में मददगार है। गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए भी बेहतर। ओमेगा 6 से भरपूर होती है। इससे त्वचा कोमल और नम बनी रहती है। दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों को दूर रखने में मददगार होता है।
तिलः तिल में कुछ ऐसे तत्व और विटामिन पाए जाते हैं, जो तनाव और डिप्रेशन को कम करने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम दिल के लिए अच्छे होते हैं। डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड बच्चों के विकास में सहायक हैं। तिल का तेल त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।
(जैसा कि मिसेज सिक्का डाइट केयर सेंटर, न्यू विजय नगर की मोनिशा सिक्का ने बताया)
पतंगबाजीः सर्दी के कारण हमारा शरीर कई रोगों की चपेट में आ सकता है। पतंग उड़ाते समय सूरज की किरणें हमारे शरीर से सीधी टकराती हैं। इसका हमारी सेहत पर सीधा व अच्छा असर पड़ता है। इसलिए लोग इस दिन पतंगबाजी करते हैं। सिविल अस्पताल के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. नरेश कुमार के अनुसार पतंगबाजी हलके व्यायाम जैसा ही है। इसके टांगों, बाजूओं और कंधों की कसरत होती है।
आग सेंकने के ये फायदे
मौसम में बदलाव के बीच आग जलाने से वातावरण में मौजूद अशुद्धियां दूर होती हैं। आग सेंकने से शरीर के रोम खुल जाते हैं। जालंधर के वरयाम नगर स्थित बरीनाज स्किन सेंटर की त्वचा रोग माहिर डॉ. बरीना के अनुसार सर्दी की वजह से जकड़ी मांसपेशियों को आग सेंकने से राहत मिलती है और खून का दौरा तेज होता है। लेकिन सावधानी भी जरूरी है। आग सेंकने के लिए कपड़े और कीड़े लगी लकड़ी जलाना नुकसानदायक होता है। तेज आंच के सामने लंबे समय तक बैठने से त्वचा झुलस जाती है।
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