45 डिग्री तापमान में उम्मीदवारों का निकलेगा पसीना, यह रहेगी पार्टियों की प्रचार रणनीति
सभी प्रमुख पार्टियों ने नामांकन दाखिल करने के बाद प्रचार तेज करने के लिए रणनीति तय कर ली है। यह रणनीति बढ़ रही गर्मी के मद्देनजर तैयार की गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। सभी प्रमुख पार्टियों ने नामांकन दाखिल करने के बाद प्रचार तेज करने के लिए रणनीति तय कर ली है। यह रणनीति बढ़ रही गर्मी के मद्देनजर तैयार की गई है। मतदान से पहले ज्यादातर दिन में पारा 40 से 45 के बीच रहेगा। 45 डिग्री तापमान में प्रचार को बनाए रखना उम्मीदवारों के लिए चुनौती रहेगा। गर्मी बढऩे से उम्मीदवारों के लिए 12 से 14 घंटे लोगों के बीच रहना मुश्किल भरा समय रहेगा। लोगों को मीटिंग के लिए जुटाना भी आसान नहीं होगा।
कुछ ऐसी होगी पार्टियों की प्लानिंग
कांग्रेस और अकाली-भाजपा, आप और पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस के उम्मीदवारों का फोकस दोपहर के समय गांवों और शाम के समय शहर पर रहेगा। बड़ी मीटिंग करने की बजाए शहरों में मोहल्ला स्तर पर मीटिंग की जाएंगी। ऐसे हर गावं में पहुंच के लिए एक-एक मीटिंग रखी गई है। अकाली दल के उम्मीदवार डॉ. चरणजीत सिंह अटवाल ने 2 महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया था और वह काफी गांवों तक पहुंचने में सफल रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार चौधरी संतोख सिंह सीटिंग एमपी हैं और वह पिछले पांच साल से हलके में लोगों के संपर्क में हैं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जस्टिस जोरा सिंह के लिए सभी इलाकों तक पहुंच बनाना संभव नहीं होगा। वह काफी देर से उम्मीदवार घोषित हुए हैं और उनके लिए सारे हलकों में प्रचार मुहिम गांव-गांव तक ले जाने का समय नहीं हैं। जोरा सिंह का फोकस शहर और कस्बों में बराबर है लेकिन पूरा हलका कवर नहीं कर पाएंगे। बसपा टिकट पर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस के उम्मीदवार बलविंदर कुमार पार्टी के जिला इंचार्ज रहे हैं। करतारपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हलके के एक बड़े हिस्से को पहले ही कवर कर चुके हैं। बलङ्क्षवदर कुमार का फोकस गांवों पर ज्यादा है।
शहर में पब्लिक जुटाना मुश्किल, इसलिए दिन में गांवों में लगा रहे डेरा
उम्मीदवारों ने सुबह से लेकर शाम 4 बजे तक गावों में डेरा लगाने का फैसला लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि शहर में दोपहर को मीटिंग करना संभव नहीं है। यहां लोग नौकरी पेशा, दुकानदार और कारोबारी हैं। दोपहर के समय लोगों को जुटाना आसान नहीं है। गर्मी में तो यह लगभग असंभव है। इसलिए उम्मीदवार के रणनीतिकारों ने सुबह से लेकर शाम तक 5 से 6 प्रोग्राम गांवों में कराने की रणनीति बनाई और शाम को 5 से रात 8 बजे तक दो से 5 प्रोग्राम शहर में अरेंज किए जा रहे हैं। पिछली बार पंजाब में चुनाव अप्रैल के दूसरे हफ्ते में हो गए थे, जिस कारण उम्मीदवारों को गर्मी से राहत रही थी।