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विधायक परगट की शह पर कैंट हलके में बिकती है अवैध शराब, इस्तीफा दें : मक्कड़

पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ ने आरोप लगाया है कि विधायक परगट सिंह जनता के मुद्दे हल करने में हर फ्रंट पर फेल हुए हैं।

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2020 02:47 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 09:34 AM (IST)
विधायक परगट की शह पर कैंट हलके में बिकती है अवैध शराब, इस्तीफा दें : मक्कड़
विधायक परगट की शह पर कैंट हलके में बिकती है अवैध शराब, इस्तीफा दें : मक्कड़

जालंधर, जेएनएन। पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ ने आरोप लगाया है कि विधायक परगट सिंह जनता के मुद्दे हल करने में हर फ्रंट पर फेल हुए हैं। मक्कड़ ने कहा कि विधायक परगट सिंह को अब समझ आ गया है कि जनता में उनके खिलाफ रोष है। वह खुद को दोबारा स्थापित करने के लिए शराब माफिया का मुद्दा उठा रहे हैं। मक्कड़ ने आरोप लगाया कि विधायक परगट सिंह की शह पर ही कैंट में अवैध शराब बिकती है और क‌र्फ्यू के दौरान अवैध शराब बिक्री के लिए इस्तेमाल की गई। उन्होंने कहा कि परगट जनता की अदालत में फेल हो गए हैं और उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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सरबजीत सिंह मक्कड़ ने प्रेस कांफ्रेस में युवा नेता मनसिमरन सिंह मक्कड़ और सुखमिंदर सिंह राजपाल के साथ कहा कि विधायक परगट सिंह को साढ़े तीन साल तक शराब का मुद़्दा उठाना नहीं आया। वे अब मुख्यमंत्री से मिल आए हैं और अब इस मुद्दे पर चुप हो जाएंगे। कांग्रेस के राज में शराब से सरकार को होने वाली इनकम में काफी कमी आई है। इससे साफ जाहिर है कि सबकी मिलीभगत से ही शराब बिकती आ रही है। मक्कड़ ने कहा कि इससे पहले लोकल बॉडी मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर परगट सिंह ने शहर में 92 बिल्डिंगों को अवैध बताकर पूरे पंजाब में कारोबारियों को नुकसान पहुंचाया था। इसकी आड़ में बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार हुआ था।

लोग राशन के लिए तरसते रहे, परगट डर से बाहर नहीं निकले

मक्कड़ ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस के कारण दो महीने तक क‌र्फ्यू लागू रहा और हर नेता, धार्मिक सामाजिक संस्थाएं और प्रशासन लोगों की मदद के लिए काम करते रहे, लेकिन विधायक परगट सिंह डर से घर से बाहर ही नहीं निकले। केंद्र सरकार ने जो रोशन भेजा था वह भी कैंट हलके में लोगों तक नहीं पहुंचा। सरकार को राशन गरीबों का वितरित होने की बजाए दुकानों में बिक गया। इससे गरीब वर्ग को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। इस मामले की जांच करवाई जाए कि गरीबों का राशन कहां गया।


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