दिल्ली से जुड़े जालंधर में एके 47 राइफल संग गिरफ्तार छात्रों के लिंक
जालंधर के इंजीनियरिंग कॉलेज से एके 47 राइफल व अन्य हथियारों विस्फोटकों के साथ पकड़े गए तीन कश्मीरी छात्रों के तार दिल्ली से जुड़ गए हैं। ये हथियार दिल्ली भेेजे जाने थे।
जालंधर, [सुक्रांत]। पंजाब पुलिस व जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में यहां एक इंजीनियरिंग कॉलेज से पकड़े गए आतंकियों से जुड़े तीन छात्रों के लिंक दिल्ली से भी जुड़ रहे हैं। खुलासा हुआ है कि तीनों के पास से पकड़ा गया विस्फोटक और अन्य हथियार सीधा दिल्ली पहुंचाए जाने थे। दिल्ली में जहां हथियार भेजे जाने थे उसके बारे में पुलिस जानकारी हासिल कर चुकी है और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क साध कर जालंधर पुलिस दिल्ली में डेरा जमाए बैठी है। जल्द ही पुलिस उनकी गिरफ्तारी भी दिखा सकती है।
आतंकी आकाओं के जालंधर प्रवास के मिले संकेत, एनआइए ने शुरू की यासिर व साथियों से पूछताछ
कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन अंसार-गजावत-उल-ङ्क्षहद के आकाओं के जालंधर आने के संकेत मिले हैं। बताया जा रहा है कि जालंधर में अपना नेटवर्क फैलाने की रणनीति बनाने के लिए आतंकियों के साथी जालंधर में आकर रुके थे। पिछले छह महीने से शहर के कई शिक्षण संस्थान आतंकियों की पनाहगाह बने रहे और किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई।
पंजाब पुलिस पहुंची दिल्ली, छह महीने से आतंकियों के संपर्क में थे तीनों कश्मीरी युवक
आतंकियों के सीटी इंस्टीट्यूट में रहने के कारण आने वाले साथियों को बिना किराए और बिना पहचान पत्र दिखाए कमरा मिल रहा था, जो पुलिस प्रशासन के खुफिया तंत्र की कमजोरी उजागर कर रहा है। भले ही इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि संगठन के चीफ जाकिर मूसा के साथ-साथ आतंकियों के और भी साथियों के जालंधर में आने के संकेत मिले हैं। संकेत मिलने के बाद नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम जालंधर में पहुंच चुकी है।
टीम के सदस्यों ने सीटी इंस्टीट्यूट के पकड़े गए कश्मीरी युवकों यासिर रफीक बट्ट, जाहिद गुलजार, मोहम्मद इदरीश से घंटों पूछताछ की है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हुए हैं, लेकिन पुलिस अधिकारी कुछ बता नहीं रहे हैैं।
पुलिस कमिश्नर जीपीएस भुल्लर इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि बीते छह महीने से यासिर बट्ट और उसके साथी आतंकी गतिविधियों में शामिल हो चुके थे। ऐसे में उनसे कई बार संपर्क भी किया गया होगा। बताया जा रहा है कि जिन कश्मीरी लोगों, जिनमें पकड़े गए युवकों के रिश्तेदार और दोस्त भी शामिल हैं, के बारे में पता चल रहा है, उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है।
सीटी इंस्टीट्यूट और सेंट सोल्जर कॉलेज के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों की पिछले एक साल की फुटेज भी ली गई है ताकि मिलने के लिए आने वाले लोगों के बारे में पता लगाया जाए। सभी की तस्वीरें निकालने के बाद उनकी पहचान करवाने के लिए उन्हें पकड़े गए छात्रों को दिखाई जाएगा।
पकड़े गए छात्रों में यासिर रफीक बट्ट का चचेरा भाई जाकिर मूसा सक्रिय आतंकी संगठन अंसार-गजावत-उल-ङ्क्षहद का चीफ है, जिसे आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद संगठन चलाने का जिम्मा सौंपा गया था। बट्ट व उसके साथियों से मिलने आने वाले लोगों में मूसा के आने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। जालंधर पुलिस ने तीनों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है और पकड़े गए विस्फोटक को जांच के लिए भेज दिया गया है।
जालंधर में ही मिले थे हथियार उठाने के निर्देश, पुलिस ने मोबाइल किए जब्त
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यासिर रफीक बट्ट और उसके साथियों को जालंधर में ही निर्देश मिल गए थे, जिसके बाद उनको हथियार उठाने के लिए अमृतसर जाना पड़ा। अमृतसर में हथियार उनको किसी कश्मीरी युवक ने ही दिए, जिसके बाद उसे लेकर जालंधर आ गए। जालंधर से हथियारों को दिल्ली में पहुंचाया जाना था। इस सारे मामले को लेकर पुलिस आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। पता चला है कि पुलिस ने पकड़े गए आतंकियों के मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं ताकि उनसे और राज निकाले जा सकें।
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छह माह से फेसबुक पर जेहाद
गिरफ्तार यासिर रफीक बट्ट छह महीने से फेसबुक पर आतंकियों से जुड़ा था और साेशल मीडिया पर वह जेहाद वाले पोस्ट करता था। वह इनमें लिखता था कि मजहब के लिए वह कुछ भी कर सकता है। पुलिस ने उसके फेसबुक दोस्तों की लिस्ट भी निकलवाई है और उनकी जांच की जा रही है। इसके लिए फॉरेंसिक टीम के साथ-साथ साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है।
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आतंकियों का एक मददगार बारामूला से गिरफ्तार
तीनों कश्मीरी छात्रों यासिर रफीक बट्ट, मोहम्मद इदरीश व जाहिद गुलजार में से एक को लेकर वीरवार को सुरक्षा एजेंसियां जम्मू कश्मीर के बारामूला पहुंचीं। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान दिल्ली से आई एनआइए व रॉ की टीम के अधिकारी भी साथ में थे। बारामूला से तीनों कश्मीरी छात्रों के एक मददगार को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस अधिकारी किसी भी बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैैं। बृहस्पतिवार देर रात सुरक्षा एजेंसियां वापस जालंधर पहुंचीं।
सूत्रों के मुताबिक सीआइए स्टाफ की गाड़ी में छात्र को पहले अमृतसर ले जाया गया। वहां कुछ समय जांच करने के बाद विमान से जम्मू कश्मीर ले जाया गया। उनके पास जालंधर के हॉस्टल में विस्फोटक और हथियार पहुंचने के क्राइम सीन को रीक्रिएट करने की कोशिश की गई। इसके अलावा कश्मीरी छात्रों के जालंधर से लेकर जम्मू कश्मीर तक बने आतंकी कनेक्शन की कडिय़ां तलाशी जा रही हैैं, इसमें कुछ सफलता भी मिली है।
डीसीपी जालंधर पीएस परमार ने बताया कि जांच के लिए जम्मू कश्मीर तक पहुंच बनाई गई है। पुलिस वहां कहा-कहां गई थी, कैसे गई थी इसके बारे में उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने वहां से किसी गिरफ्तारी से भी इन्कार किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि सिटी कैंपस से गिरफ्तार तीनों कश्मीरी छात्र अपने आका से टारगेट का पता और नाम मिलने के इंतजार में थे। इससे पहले कि उन्हें टारगेट मिलता, वे दबोच लिए गए।