कश्मीरी पंडितों में जगी घर वापसी की उम्मीद
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 तथा 35ए खत्म करने के बाद जहां देश भर में खुशी की लहर है।
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 तथा 35ए खत्म करने के बाद जहां देश भर में खुशी की लहर है, वहीं शहर में रह रहे कश्मीरी पंडितों में दोगुणा उत्साह है। कारण, सरकार के इस फैसले के साथ ही उनमें घर वापसी की आस भी जगी है। यहीं नहीं, कश्मीर में अपनी जायदाद छोड़कर अन्य राज्यों में पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की पिछले लंबे अर्से से चल रही मांग भी पूरी हो गई है। केंद्र सरकार के उक्त फैसले को लेकर दैनिक जागरण ने शहर में रह रहे कश्मीरी पंडितों से बातचीत की। पेश है शाम सहगल की रिपोर्ट। अब अपनी जायदाद का ले सकेंगे लाभ
कश्मीरी में विपरित परिस्थितियों के दौरान पलायन करना पड़ा था। कारण, वहां पर न तो जमीन-जायदाद सुरक्षित थी व न ही अवाम। जिसके चलते अपनी जन्मभूमि का त्याग करना पड़ा था। जबकि, केंद्र सरकार के उक्त फैसले से पूरे परिवार में उत्साह है। इस फैसले से घर वापसी की आस तो जगी ही है साथ ही कश्मीर में अपनी जायदाद का लाभ ले सकेंगे।
- सुनीता कॉक, गृहिणी, सिल्वर रेजिडेंसी पीएम ने देश हित में लिया फैसला
केंद्र सरकार का फैसला ऐतिहासिक है। 72 वर्ष में इतनी सरकारें आई व चली गईं, लेकिन कश्मीरी पंडितों की स्थिति किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की। इसके लिए प्रधानमंत्री की इच्छा शक्ति भी रही। जिससे यह फैसला लिया जा सका। प्रधानमंत्री ने देश हित में हर फैसला लिया है। जिसके तहत यह सराहनीय प्रयास है।
- विनोद शाह, कारोबारी, निवासी अर्बन एस्टेट देरी से ही केंद्र का सराहनीय फैसला
केंद्र सरकार ने देरी से ही सही पर न केवल किसी वर्ग बल्कि समूचे देश के हित में फैसला लिया है। इससे खासकर कश्मीरी पंडितों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। कारण, सबसे अधिक पीड़ित भी कश्मीरी पंडित ही थे। जिसके चलते उन्हें पलायन करना पड़ा था। जबकि, सरकार के उक्त फैसले से आशा की किरण भी दिखी है।
- सरला धर, रिटायर्ड उप प्रिंसिपल ऑफिशिएटिंग, केवी सूरीनुस्सी