काला संघिया ड्रेन के 12 किलोमीटर में होंगे पिकनिक स्पॉट, सैरगाह, फूड सेंटर
प्रोजेक्ट में पंजाबी बाग से निगम की हद में एंट्री प्वाइंट से लेकर लेदर कांप्लेक्स के आगे गांव नाहल तक ड्रेन का सुंदरीकरण किया जाएगा।
जालंधर, जेएनएन। गंदा नाला बन चुकी काला संघिया ड्रेन को जीवनदायी बनाने के प्रोजेक्ट पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने काम शुरू कर दिया है। कंपनी के एक्सपर्ट्स ने ड्रेन का दौरा करने के बाद डीपीआर तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम की लिमिट के अंदर ड्रेन के 12 किलोमीटर क्षेत्र में सुंदरीकरण किया जाना है। इसके तहत ड्रेन में गंदगी गिरने से रोकी जानी है। प्रोजेक्ट में पंजाबी बाग से निगम की हद में एंट्री प्वाइंट से लेकर लेदर कांप्लेक्स के आगे गांव नाहल तक ड्रेन का सुंदरीकरण किया जाएगा। ड्रेन को साफ करके किनारे पक्के किए जाएंगे हालांकि बेस कच्चा रखा जाएगा।
नहर के किनारों को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां आबादी है उस एरिया में ड्रेन के किनारे सैर के लिए फुटपाथ बनाए जाएंगे। कुछ जगहों को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। कामर्शियल एरिया के रूप में आबादी वाले इलाकों में बूथ भी बनाए जाएंगे, यहां लोगों को खाने-पीने का सामान मिलेगा। विधायक बावा हैनरी ने कहा कि ड्रेन के आसपास के इलाकों में गंदगी से पिछले सालों में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए ड्रेन के आसपास मेडिकेटेड प्लांट्स लगाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट विधायक बावा हैनरी ने नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा के साथ मिल कर तैयार किया है। कमिश्नर लाकड़ा के पास कुछ दिन स्मार्ट सिटी कंपनी का एडिशनल चार्ज भी रहा है। विधायक बावा हैनरी ने बताया कि ड्रेन सिर्फ बरसाती पानी की निकासी के लिए ही थी और अब इसे फिर उसी रूप में लाएंगे।
यह होगा काम
- ड्रेन की दोनों साइड पक्की होंगी
- कई जगह पुलियां बनाई जाएंगी।
- सैरगाह तैयार की जाएंगी
- बैठने के लिए बैंच लगाएंगे
- फूड सेंटर के लिए बूथ बनाएंगे
- लाइटिंग का इंतजाम होगा
- ग्रीन बेल्ट भी सैरगाह के लिए विकसित की जाएगी
बावा हैनरी ने सीएम और वित्त मंत्री से मिलकर ग्रांट मांगी
विधायक बावा हैनरी ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री से बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान अपील की है कि इस प्रोजेक्ट के बेसिक काम के लिए छह करोड़ रुपये का बजट दिया जाए। विधायक ने कहा कि स्मार्ट सिटी कंपनी का प्रोजेक्ट शुरू होने में आठ से 10 महीने का समय लगेगा। तब तक बेसिक काम करने के लिए सरकार अगर ग्रांट दे तो गांव रंधावा मसंदा से शहर के अंदर तक ड्रेन को साफ करने, बेस वर्क पूरा करने का काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने सीवरेज सिस्टम के ड्रेन में गंदा पानी फेंकने के प्वाइंट बंद कर दिए हैं।
इंडस्ट्री का पानी रोकने में एक साल लगेगा
यह प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले ड्रेन को साफ करना बड़ी चुनौती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद नगर निगम ने सीवरेज का पानी ड्रेन में गिराना बंद कर दिया है लेकिन इंडस्ट्री के पानी को गिरने से रोकने के लिए सख्ती भी करनी होगी और प्रस्तावित एसटीपी और ईटीपी प्लांट के काम में तेजी लानी होगी। एनजीटी की सख्ती के बाद अब काम में तेजी आई है लेकिन शहर की हद से बाहर कई गांवों और कस्बों से गिरने वाली गंदगी को भी रोकना होगा। विधायक बावा हैनरी ने कहा कि सरकार इस पर सख्त है और जल्द ही गंदगी गिरने के सभी प्वाइंट्स बंद करवा देंगे।
100 से ज्यादा कॉलोनियों को होगा फायदा
ड्रेन साफ करने का काम तो शुरू हो चुका है लेकिन स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट शुरू होने से ग्रीन एरिया डवलप होगा और वातावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। काला संघिया ड्रेन के सुंदरीकरण से आसपास के इलाकों को राहत मिलेगी। गंदा नाला बनने के कारण ड्रेन ने पिछले सालों में लोगों को बीमारियां बांटी हैं। ड्रेन के साथ लगत गांवों में जमीन के नीचे का पानी भी जहरीला हो गया और कई लोगों की कैंसर से मौत हुई। ड्रेन से लगते इलाकों की हवा भ जहरीली हुई और खेती पर असर पड़ा है। लोग चर्म रोगों का शिकार हुए हैं।
इस क्षेत्र में रंधावा मंसदा, फोकल प्वाइंट, गुरु अमरदास कॉलोनी, कालिया कॉलोनी, सेठ हुक्म चंद कॉलोनी, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, बाबा बालकनाथ नगर, शीतल नगर, राजन नगर, कबीर विहार, राजन नगर, नाहलां, बस्ती पीरदाद, बाजवा कॉलोनी, पारस सटेट, अनूप नगर, शहीद बाबू लाभ सिंह नगर, रतन नगर, न्यू रतन नगर, राज नगर, बस्ती बावा खेल से सटी कॉलोनियां, ग्रेटर कैलाश, अशोक विहार, राज नगर समेत कई इलाके शामिल हैं।