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जालंधर के सात बच्चों का जेईई एडवांस क्लीयर, सातों कंप्यूटर साइंस में बनाना चाहते हैं करियर

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी(आइआइटी) खड़गपुर ने शुक्रवार को ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन(जेईई) एडवांस का परिणाम घोषित कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 06:01 PM (IST)
जालंधर के सात बच्चों का जेईई एडवांस क्लीयर, सातों कंप्यूटर साइंस में बनाना चाहते हैं करियर

जागरण संवाददाता, जालंधर : इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी(आइआइटी) खड़गपुर ने शुक्रवार को ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन(जेईई) एडवांस का परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षा तीन अक्टूबर को हुई थी जिसमें जालंधर से 450 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। जालंधर के आठ परीक्षार्थियों ने टेस्ट पास किया। एमजीएन पब्लिक स्कूल अर्बन एस्टेट के विद्यार्थी वैभव ने आल इंडिया 180 रैंक प्राप्त किया है। पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल के ओम गुप्ता ने 215वां, दिल्ली पब्लिक स्कूल के सौम्य गुप्ता ने 1189वां रैंक पाया। आकाश इंस्टीट्यूट के विद्यार्थी भाव खुराना ने 1283वां, आश्रय गुप्ता ने 3733वां, अनुशा महाजन ने 4741वां व तेजस ने 5214वां रैंक प्राप्त किया है। सातों छात्र कंप्यूटर साइंस में करियर बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि यह रैंक

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---- जालंधर का टापर वैभव, दो साल इसी टेस्ट के लिए लगा दिए

एमजीएन पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी वैभव आइआइटी दिल्ली में दाखिला चाहते हैं। एडवांस में बेहतर रैंक पाने के लिए वे रोज दस से बारह घंटे रेगुलर पढ़ाई करते थे। पिता राकेश बजाज पीएनबी में है जबकि मां सोनी बाला केन्द्रीय निर्माण विभाग में सुपरिंटेडेंट है। वैभव ने बताया कि बेहतर रैंक पाने के लिए दो साल इसी के लिए लगा दिए। अब परिणाम से खुश हूं।

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ओम गुप्ता ने कहा-अभी तो असली करियर शुरू हुआ है

पुलिस डीएवी के विद्यार्थी ओम मेन्स क्लीयर होने के बाद एडवांस की तैयारी के लिए रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ते थे। पिता राकेश गुप्ता लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में लेक्चरर व मां नीतू गुप्ता पुलिस डीएवी में कामर्स की लेक्चरर है। ओम गुप्ता ने कहा कि जीवन में कड़ी मेहनत करके ही मुकाम हासिल किया जा सकता है। अभी करियर की शुरुआत है।

--- सौम्य गुप्ता : अब सपना पूरा होता नजर आ रहा है

दिल्ली पब्लिक स्कूल के सौम्य गुप्ता भी कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहते है। मेन्स के बाद एडवांस की तैयारी के लिए रोजाना सात घंटे रेगुलर पढ़ते थे ताकि स्टेमिना बन सके। पिता डा. सूरज गुप्ता व मां अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि बेटे की उपलब्धि पर खुश है। पढ़ाई में हमेशा बढि़या प्रदर्शन किया है। सौम्य ने कहा कि कंप्यूटर इंजीनियर बनने का सपना पूरा होता नजर आ रहा है।


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