जालंधर के युवा कांग्रेसियों को अनदेखी बर्दाश्त नहीं, हरीश रावत के सामने जताई नाजारगी
जालंधर युवा कांग्रेस ने पार्टी आलाकमान द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर हरीश रावत के कार्य़क्रम में ही नाराजगी जाहिर कर दी। कार्यक्रम में लगे बोर्ड व मंच पर जगह न दिए जाने पर युवा कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता से वापस लौट गए।
जालंधर, [जगजीत सिंह सुशांत]। युवा कांग्रेस के जालंधर शहरी प्रधान अंगद दत्ता के तेवर आजकल तीखे हैं। युवाओं में वैसे भी जोश ज्यादा होता है और पिछले सप्ताह कांग्रेस भवन में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत के प्रोग्राम में युवाओं ने जोश ही जोश में पूरी नाराजगी दिखा दी। दरअसल, हरीश रावत के स्वागत के लिए कांग्रेस भवन में जितने भी बोर्ड लगाए गए थे, उनमें यूथ कांग्रेस का कहीं जिक्र नहीं किया गया था। इसके अलावा मंच पर भी युवा कांग्रेस के नेताओं को जगह नहीं दी गई थी। इससे प्रधान अंगद दत्ता सहित सभी वर्कर नाराज हो गए और प्रोग्राम से वापस चले गए। युवा कांग्रेस के नेताओं ने हरीश रावत को अलग से सम्मानित किया, लेकिन प्रोग्राम से दूरी बनाकर नाराजगी जाहिर कर दी। यही नहीं युवा कांग्रेस के नेताओं ने अब कांगेस भवन में अपना बोर्ड भी लगा दिया है। इनकी नाराजगी पंजाब प्रभारी तक भी पहुंच गई है।
सबको कायल कर गए हरीश रावत
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के केंद्रीय प्रभारी हरीश रावत जालंधर दौरे के दौरान तमाम खामियों के बावजूद कार्यकर्ताओं को अपना कायल कर गए। रावत ने अपने भाषण से न सिर्फ कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर पानी डालने का काम किया, बल्कि उन्हेंपार्टी के प्रति समर्पित भावना से काम करने के लिए उत्साहित भी किया। वह जानते थे कि कार्यकर्ताओं में नाराजगी है और सभी अपनी भड़ास निकालने की तैयारी में हैं। ऐसे में रावत ने आते ही बड़े नेताओं को अपने निशाने पर ले लिया और कहा कि सत्ता आने पर नेता गलतियां करते हैं, लेकिन इनकी गलती की सजा पार्टी को नहीं मिली चाहिए। कार्यकर्ताओं की नाराजगी गलत नहीं है, लेकिन इससे किसी भी तरह से पार्टी का नुकसान नहीं होना चाहिए। कार्यकर्ता दर्द को अपनी भावनाओं पर हावी न होने दें और पार्टी के खिलाफ कतई न जाएं। यह सुन दुखड़ा सुनाने आए वर्कर शांत होकर लौट गए।
वापसी को बेताब रायपुर का मन
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य परमजीत ङ्क्षसह रायपुर कांग्रेस में शामिल तो हो गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनका दिल यहां नहीं लग रहा है। वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ से राजनीतिक और निजी लड़ाई के कारण पार्टी में सुनवाई न होने के कारण नाराज होकर रायपुर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वह कांग्रेस के प्रोग्रामों में भी शामिल हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और अकाली दल के कल्चर में काफी अंतर है। वह कांग्रेस में आ तो गए हैं, लेकिन यहां पर तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। उनका मन वापस जाने को है, लेकिन अभी रास्ता नहीं मिल पा रहा है। परमजीत रायपुर कई अकाली नेताओं के संपर्क में भी हैं और वापसी पर भी चर्चा होती है। अब जब अकाली दल राज्य की राजनीति में हाशिए पर चल रहा है तो रायपुर की वापसी ज्यादा मुश्किल नहीं होगी।
प्रधानगी के लिए कांग्रेसियों में जोड़-तोड़
करीब एक साल से भंग कांग्रेस के सांगठनिक ढांचे के दोबारा गठन की तैयारी है। जिला प्रधान भी नियुक्त किए जा रहे हैं। जालंधर को लेकर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत काफी सक्रिय हैं। वह अनुसूचित जाति और ङ्क्षहदुओं की वोटों की गिनती को देखते हुए जालंधर शहर में एससी या ङ्क्षहदू को प्रधान बनाना चाहते हैं। उनका जालंधर का दौरा भी इसी सोच के साथ था। रावत के दौरे के बाद अब कई एससी और ङ्क्षहदू नेता प्रधानगी के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति में जुट गए हैं। जालंधर शहरी के प्रधान पद के लिए पहले तो पिछड़े वर्ग से हरजिंदर सिंह लाडा और गुरनाम सिंह मुल्तानी का नाम सामने आ रहा था, लेकिन अब अनुसूचित जाति वर्ग से पार्षद जगदीश समराय और पार्षद पवन कुमार का नाम आगे चल रहा है। साथ ही हिंदुओं में मनोज मनु व जगदीश गग दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं।