जालंधर टिफिन बम ब्लास्ट केस का आरोपित रतन सिंह लुधियाना से गिरफ्तार Jalandhar News
मामले के मुख्य आरोपित पलविंदर सिंह उर्फ डिंपल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपित रतन सिंह की तलाश में जुटी हुई थी ।
लुधियाना/[राजन कैंथ]। चार साल पहले जालंधर के मकसूदां इलाके में हुए कार बम विस्फोट में आरोपित रतन सिंह धंजल उर्फ चूहा को लुधियाना पुलिस की सीआईए टू पुलिस ने मंगलवार गिरफ्तार कर लिया। रतन पर वारदात में इस्तेमाल किए गए आरडीएक्स की डिलीवरी देने का आरोप हैं। उसके खिलाफ सीबीआई ने हत्या व सब्सटेंस एक्ट 1908 के तहत मामला दर्ज किया था। उसका पुलिस रिमांड लेकर उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
इस केस में मोहाली में स्थित सीबीआई की स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जितेंद्र पाल सिंह की अदालत ने रतन और महंगा सिंह संत सिरसा निवासी हरियाणा को भगोड़ा करार दिया था। इस मामले में रतन के साथी दिल्ली निवासी बलविंदर सिंह उर्फ डिंपा, सिरसा के जीवन नगर के हरभेज सिंह और भुलत्थ (कपूरथला) निवासी हरदीप सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में महंगा सिंह अभी भी भगोड़ा है। बता दें कि रतन धंजल उर्फ चूहा सिरसा के गांव जीवन नगर का रहने वाला है। उसे थाना साहनेवाल के इलाके में साल 2015 में हुए एक अंधे कत्ल के केस में गिरफ्तार किया गया है।
जालंधर कार बम धमाके के मामले में गिरफ्तार रतन सिंह धंजल के बारे में जानकारी देते हुए एसीपी सुरिंदर मोहन व अन्य।
कमिश्नर पुलिस राकेश अग्रवाल का कहना है कि आरोपित से की जा रही पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की संभावना है। रतन धंजल 34 वर्ष का है। उसने नौंवी तक पढ़ाई करने के बाद खेतीबाड़ी शुरू कर दी थी। मगर सिर पर कर्ज चढ़ने की वजह से उसे जमीन बेचनी पड़ी। बाद में वह जमीन ठेके पर लेकर खेती करने लगा था।
यह है मामला
छह दिसंबर 2015 दुग्री गांव मकसूदां में एक मारूति स्विफ्ट कार में बम धमाका हुआ था। घटना में मोतीनगर के रहने वाले अजय कुमार की मौत हो गई थी और गदईपुर के रहने वाले जगमोहन सिंह घायल हो गए थे। जगमोहन पर मर्डर के तीन केस और ड्रग तस्करी का एक केस चल रहा था। इस साल अक्टूबर में मुख्य अभियुक्त पलविंदर सिंह उर्फ डिंपी को बैंकॉक से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था। पलविंदर दिल्ली का रहने वाला है और धमाकों के बाद बैंकॉक भाग गया था। जालंधर देहात पुलिस की चार्जशीट के अनुसार इस बम का प्रयोग नामधारी संप्रदाय के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह के खिलाफ किया जाना था, लेकिन ये बम तय जगह पर पहुंचने से पहले ही रास्ते में कार के अंदर फट गए। योजना विफल होने के बाद पलविंदर बैंकाक भाग गया था।
वह नामधारी संप्रदाय के पूर्व प्रमुख दिवंगत सतगुरु जगजीत सिंह की धर्मपत्नी माता चंद कौर के कत्ल केस में भी वांछित था। सीबीआइ के अनुसार डिंपा नामधारियों के सिरसा आधारित विरोधी गुट के प्रमुख दलीप सिंह का पूर्व ड्राइवर था।
टिफिन धमाके का मामला कई अन्य हाई प्रोफाइल मामले से जुड़ा होने के कारण तत्कालीन गठबंधन सरकार ने इसकी जांच सीबीआई के हवाले कर दी थी। वहीं सदगुरू उदय सिंह के करीबी साथी व नामधारी अवतार सिंह तारी को 2011 में भैणी साहिब में गोली मार कत्ल कर दिया गया था। इस मामले में भी डिंपी शक के दायरे में है।
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