बाकी के चार वर्ष के लिए भी लाई जाए ओटीएस, जालंधर खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति की मांग
जालंधर में खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति के कन्वीनर रविंदर धीर ने कहा है कि सरकार को यह पता है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए जो ओटीएस लाई गई है। उससे छोटे कारोबारियों को भारी राहत मिली है।
जालंधर, जेएनएन। वित्त वर्ष 2013-14 के सी फार्म से संबंधित मामलों का निपटारा वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) के जरिए होने के बाद अब अगले चार वर्ष के केसों का निपटारा भी ओटीएस के जरिए किए जाने की मांग उठी है। खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति ने पंजाब सरकार से मांग की है कि वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर वित्त वर्ष 2017-18 तक के सी फार्म से संबंधित केसों का निपटारा भी ओटीएस के जरिए ही किया जाए।
खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति के कन्वीनर रविंदर धीर ने कहा है कि सरकार को यह पता है कि वित्त वर्ष 2013-14 के लिए जो ओटीएस लाई गई है। उससे छोटे कारोबारियों को भारी राहत मिली है। ऐसे ही छोटे व्यापारी वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर 2017-18 तक के सी फार्म से संबंधित मामलों में बुरी तरह से परेशान हैं। रविंदर धीर ने कहा कि ओटीएस के बिना छोटे कारोबारियों का व्यापार में टिके रहना संभव नहीं है। इससे सरकार को भारी भरकम आर्थिक नुकसान भी नहीं झेलना पड़ रहा है। इस वजह से सरकार को अब जल्द से जल्द अगले चार वर्षों के लिए भी ओटीएस लाने की घोषणा करनी चाहिए।
पांच लाख रुपये तक राहत देने की मांग
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मंगलवार को खुद घोषणा की है कि आगामी ओटीएस भारी राहत लेकर आएगी। इस वजह से अब सरकार को बिना कोई देरी किए छोटे कारोबारियों को राहत देनी चाहिए। रविंदर धीर ने दोहराया कि सोमवार को पंजाब सरकार की तरफ से घोषित की गई ओटीएस में एक लाख रुपये तक 90 फीसद टैक्स की राहत दी गई है, लेकिन एक लाख से लेकर पांच लाख रुपए तक टैक्स में कोई राहत नहीं है। इस वजह से इस ओटीएस के लाभ को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक कर देना चाहिए।