जालंधर के चंदन नगर अंडर ब्रिज से जुड़ेगा सोढल रोड, 72.33 लाख से खरीदी जाएगी जमीन
जालंधर नगर निगम ने जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया को आखरी स्टेज तक पहुंचा दिया है। उम्मीद है कि इसी महीने नगर निगम जमीन अधिग्रहण कर लेगा। इस पर 72.33 लाख रुपये खर्च आएंगे। अगले दो महीनों में नई सड़क का निर्माण हो जाएगा।
जालंधर, जेएनएन। चंदन नगर अंडर ब्रिज का एक रास्ता अब सोढल रोड से जोडऩे की तैयारी है। इसके लिए नगर निगम ने जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया को आखरी स्टेज तक पहुंचा दिया है। उम्मीद है कि इसी महीने नगर निगम जमीन अधिग्रहण कर लेगा। इस पर 72.33 लाख रुपये खर्च आएंगे। इससे अंडर ब्रिज के पार शिव नगर, इंडस्ट्रियल एरिया से जुड़ी रिहायशी कालोनियों को इसका फायदा मिलेगा। अगले दो महीनों में चंदन नगर को सोढल रोड से जोडऩे के लिए नई सड़क का निर्माण हो जाएगा।
चंदन नगर अंडर ब्रिज बनने के बाद से ही शिवनगर और साथ लगती कालोनियों में ट्रैफिक काफी बढ़ गया है। इससे इन रिहायशी कालोनियों में लोग परेशान हैं। अंडर ब्रिज बनने के बाद से ही यह मांग उठती रही है कि अंडर ब्रिज का एक रास्ता सोढल रोड से भी जोड़ा जाए। हालांकि जिस समय यह अंडर ब्रिज बनाया गया था तब भी यह प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। अब मेयर जगदीश राजा और विधायक बावा हैनरी ने दोबारा इसके लिए प्रयास किए हैं। सड़क निर्माण के लिए 150 फुट लंबी और 48 फुट चौड़ी जमीन खरीदी जाएगी। यह करीब 10 मरले 180 वर्ग फुट है। डिप्टी कमिश्नर ने जमीन खरीदने का रेट 6,65,516 रुपये प्रति मरला तय किया है।
निगम के नाम जमीन खरीदने पर नहीं लगेगी स्टांप ड्यूटी, मेयर ने बचाए 4.34 लाख
मेयर जगदीश राजा ने निगम के नाम जमीन खरीदने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी बचाई है। सरकारी विभाग के लिए जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी नहीं देनी पड़ती है, लेकिन यह कहा जा रहा था कि निगम को इसकी छूट नहीं है। मेयर के पास जब चंदन नगर अंडर ब्रिज से रास्ता जोडऩे के लिए जमीन खरीदने का प्रस्ताव आया तो उसके स्टांप ड्यूटी के 4.34 लाख रुपये भी देने का प्रस्ताव था। मेयर ने मीटिंग में तर्क दिया कि निगम को स्टांप ड्यूटी से छूट है। निगम अफसरों, सब रजिस्ट्रार, पटवारी तक ने इससे इन्कार कर दिया, लेकिन मेयर ने कई साल पुराने सरकारी दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए। इससे अब निगम को स्टांप नहीं देनी पड़ेगी। बता दें कि इससे पहले पिछले कुछ सालों में निगम ने कई बार जमीन खरीदी है, लेकिन हर बार लाखों रुपए स्टांप ड्यूटी के रूप में देने पड़े हैं।