रात में कर्फ्यू के दौरान बसें चलाने को लेकर फिर असमंजस, जालंधर में रोडवेज को नहीं मिले आदेश
बस आपरेटरों का तर्क है कि अगर लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी होगी तो इसका सीधा असर यात्रियों की संख्या पर पड़ेगा। अगर कर्फ्यू के दौरान हाईवे पर बसों के संचालन की मनाही होती है तो बस सेवा चालू रखने का कोई औचित्य नहीं रहेगा।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बचाव के लिए पंजाब सरकार ने रात का कर्फ्यू फिर से लागू करने की घोषणा कर दी है। इसे पहली दिसंबर से पूरे सूबे में लागू किया जा रहा है। दूसरी ओर कर्फ्यू के दौरान बसों का संचालन कैसे होगा, इसे लेकर पंजाब रोडवेज के अधिकारी असमंजस में हैं। सरकार या परिवहन विभाग की ओर से कर्फ्यू के दौरान रात में बस संचालन को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट हिदायतें जारी नहीं की हैं। इस वजह से पंजाब रोडवेज समेत निजी बस ऑपरेटर भी रात में बसों के संचालन को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाए हैं।
बस ऑपरेटरों का तर्क है कि कर्फ्यू के दौरान लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। इसका सीधा असर बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या पर पड़ेगा। अगर कर्फ्यू लागू रहने के दौरान हाईवे के ऊपर भी बसों के संचालन की मनाही कर दी जाती है तो रात में बस सेवा चालू रखने का कोई औचित्य नहीं रहेगा।
इंटरस्टेट यात्रियों को उठानी पड़ सकती है मुसीबत
फिलहाल सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट हिदायतें अभी भी नहीं मिल पाई हैं। पंजाब रोडवेज, पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) एवं टूरिस्ट बस ऑपरेटर्स की तरफ से रात में मुख्यतः इंटर स्टेट रूटों पर ही बसों का ही संचालन किया जाता है।
दिल्ली रूट की बसें पहले ही बंद
दिल्ली, हरियाणा-पंजाब बार्डर पर किसानों के आंदोलन के मद्देनजर पंजाब रोडवेज ने दिल्ली रूट की सभी बसों की सेवाएं बंद कर दी है। ये बसें अब केवल हरियाणा के अंबाला तक ही जाएंगी। ऐसे में दिल्ली और वहां से आगे जाने वाले पंजाब के यात्रियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। अभी तक पंजाब में ट्रेन संचालन भी पूरी तरह नियमित नहीं हो पाया है। ऐसे में एक दिसंबर से रात का कर्फ्यू लगने के बाद लोगों के मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
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