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Makar Sankranti 2021: जालंधर में मकर संक्रांति पर लोगों ने टेका गुरुद्वारों और मंदिरों में माथा

जालंधर वासियों ने वीरवार को मकर संक्रांति की सुबह मंदिरों और गुरुद्वारों में माथा टेका। इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान की परंपरा है। हालांकि जालंधर में घाट ना होने के कारण लोगों ने घरों में स्नान के बाद मंदिरों और गुरुघरों का रुख किया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:51 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:51 AM (IST)
गौरां देवी जगोता शिव शक्ति मंदिर भजन गाती हुईं गायिका नीरू कपूर। जागरण

जालंधर, जेएनएन। मकर संक्रांति को लेकर वीरवार को शहर के मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई। हालांकि शहर में अलग से कोई घाट ना होने के कारण लोग घरों से ही नहाकर मंदिरों में पहुंचे। इस क्रम में संकीर्तन मंडली के सदस्यों ने भी मंदिरों में हाजिरी लगाकर मां की महिमा का गुणगान किया।

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लोहड़ी के अगले दिन मनाई जाने वाली मकर सक्रांति को लेकर धार्मिक स्थानों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई। एक तरफ गुरुघरों में शबद गायन के साथ संगत को निहाल किया गया तो वहीं दूसरी तरफ मंदिरों में श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति के महत्व के बारे में बताया गया।

जालंधर में श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति का महत्व बताते हुए प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी पंडित नारायण शास्त्री।

गौरां देवी जगोता शिव शक्ति मंदिर न्यू ग्रीन मॉडल टाउन में भजन गायिका नीरू कपूर ने 'तेरे द्वारे ते लगियां रोनका, 'चित जान तो एथों कारदा नई' सहित कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर झूम उठे। इस मौके पर प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी पंडित नारायण शास्त्री ने बताया कि मकर सक्रांति के मौके पर स्नान व दान का बहुत महत्व है। बता दें कि मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू, गजक आदि खाने और दान करने की परंपरा है।


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