जालंधर पुलिस के जज्बे को सलाम, उलझने के बाद भी Zomato के डिलीवरी ब्याय को कोरोना टेस्ट के लिए मनाया
शहर में नाके पर जोमैटो के डिलीवरी ब्याय के साथ पुलिस मुलाजिम के टेस्ट को लेकर उलझने की वीडियो बीते दिनों वायरल हुई। लाखों लोगों ने इस वीडियो को देखा और चटकारे लेकर उस पर कमेंट भी किए है।
जालंधर, मनोज त्रिपाठी। कोरोना से सभी परेशान हैं। मास्क लगाने से लेकर दवाइयों व वैक्सीन लगवाने तक के लिए लोगों को जागरूक करना पड़ रहा है। प्रशासन की तरफ से विशेष तौर पर जिले में 123 नाके लगवाए गए हैं। नाकों पर बिना मास्क मिलने वाले लोगों के कोरोना टेस्ट करवाए जा रहे हैं। मुफ्त में मिल रही टेस्ट की सुविधा भी तमाम लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही है।
यही कारण है कि नाकों पर तैनात पुलिस को ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट करवाने का लक्ष्य दिया जा रहा है। बीते दिन शहर में लगे नाके पर जोमैटो के डिलीवरी ब्याय के साथ पुलिस मुलाजिम के टेस्ट को लेकर उलझने की वीडियो वायरल हुई। लाखों लोगों ने इस वीडियो को देखा और चटकारे लेकर उस पर कमेंट भी किए, लेकिन जिस प्रकार से पुलिस ने युवक को टेस्ट के लिए मनाया, उसे देखकर पुलिस के जज्बे को सलाम है।
शिरोमणि अकाली दल की सियासत गरमाई
शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश पदाधिकारियों की बीते दिन हुई घोषणा के बाद जिले में पार्टी की सियासत गरमा गई है। ठंडे चल रहे अकालियों की सक्रियता अचानक बढ़ गई है। प्रदेश में पूर्व विधायक सर्बजीत सिंह मक्कड़ के गुट के नेताओं को तरजीह दिए जाने के बाद तमाम टकसाली अकाली मायूस हैं। इसे लेकर अब बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। नेता मक्कड़ को घेरने की तैयारी भी कर रहे हैं।
मक्कड़ अभी तक जालंधर की सियासत में हाशिए पर चल रहे हैं। आदमपुर छूटने के बाद कपूरथला और अब जालंधर में अपना जनाधार खोज रहे मक्कड़ के विरोधी गुटों ने अब सक्रियता बढ़ा दी है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार जालंधर में मक्कड़ वर्सेज आल अकाली का शीतयुद्ध अभी लंबा चलेगा। यही वजह है कि अब मक्कड़ ने भी समय रहते नए चेहरों को अपने समर्थन में खड़ा करना शुरू कर दिया है।
कुत्तों के नाम पर भी घोटाला
घोटालों के लिए प्रसिद्ध नगर निगम ने कुत्तों को भी नहीं बक्शा है। हाल ही में निगम की कमेटी ने आवारा कुत्तों के आपरेशन के प्रोजेक्ट की पड़ताल के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश किया है। उसके बाद से कई निगम अधिकारी सकते में हैं। शहर के हजारों आवारा कुत्तों के आपरेशन किए बिना ही उन्हें कागजों पर आपरेशन वाले कुत्ते बताकर छोड़ दिया गया।
मामले की पोल तब खुली, जब उनकी फिजिकल वेरीफिकेशन हुई और उनके कान कटे हुए नहीं मिले। उसके बाद घोटाले को लेकर फंसे अधिकारियों व मुलाजिमों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि यार कान तो काट ही देने चाहिए थे, आपरेशन करते या न करते। कुत्तों की साइकोलाजी होती है कि वह जिस मोहल्ले में रहते हैं, उसे छोड़कर नहीं जाते हैं। यही वजह है कि जब कान कटे कुत्तों की मोहल्लों में जाकर खोज की गई तो सारी पोल खुल गई।
सोनू की गुगली में उलझे परगट
हाकी के मैदान से निकल कर सियासी मैदान में अपनी पारी शुरू करने वाले कैंट हलके के विधायक परगट सिंह इन दिनों खासे परेशान चल रहे हैं। उन्हें विकास कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक में घुसपैठ करनी पड़ रही है और वहां पर भी दाल न पकने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी अधिकारी सुरेश कुमार की शरण लेकर काम करवाने पड़ रहे हैं।
सुरेश कुमार ने बीते दिनों परगट सिंह के हलके में शिरकत करके स्थानीय अधिकारियों को इशारे में समझा दिया था कि वह परगट को नजरअंदाज न करें, लेकिन कैंट में अपनी सियासी जमीन तैयार करने में जुटे सोनू ढेसी ने परगट को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयानबाजी के मामले में घेर लिया है। सोनू ढेसी को प्रमोट करने के लिए मुख्यमंत्री दरबार से भी स्थानीय अधिकारियों को संदेश भेजा जा चुका है। यही बात परगट सिंह को परेशान कर रही है।