DCP-MLA Arora विवाद में सवालों के घेरे में पुलिस कमिश्नर, पढ़ें जालंधर की और भी रोचक खबरें
विधायक रमन अरोड़ा और तत्कालीन डीसीपी नरेश डोगरा के विवाद के मामले में पुलिस कमिश्नर गुरशरण सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। कहने वाले कह रहे हैं कि घंटों दोनों के बीच विवाद चलता रहा लेकिन सीपी ने कोई कदम नहीं उठाया।
मनोज त्रिपाठी, जालंधर। जालंधर में तैनात पुलिस कमिश्नर गुरशरण सिंह संधू, विधायक रमन अरोड़ा और तत्कालीन डीसीपी नरेश डोगरा के विवाद के मामले में अपनी भूमिका को लेकर सवालों के घेरे में हैं। पुलिस के एक बड़े अधिकारी के साथ पांच घंटे पहले विधायक का विवाद होता है और उसके बाद समझौते के लिए बुलाया जाता है। मारपीट होती है।
सिविल अस्पताल में एमएलआर काटी जाती है, लेकिन इस दौरान कमिश्नर पूरे सीन से गायब रहे। घटना के बारे में शहर के तमाम गणमान्यों को खबर हो जाती है, लेकिन अपने ही अधिकारी को बचाने या उसके साथ खड़े होने या उसके गलत होने पर उसे दंडित करने जैसे फैसले न ले पाने के कारण कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर भी उंगलियां उठने लगी हैं। अगर कमिश्नर ने पहले ही मामले को गंभीरता से लिया होता तो शायद पुलिस की भी साख बच जाती और विधायक की भी किरकिरी जनता के बीच न होती।
विवादों की हो रही समीक्षा
जालंधर में अधिकारियों और विधायकों के बीच हुए दो बड़े विवादों की अब सत्ता के गलियारों में समीक्षा की जाने लगी है। पहला विवाद जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल का जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में हुआ था। शीतल समर्थकों के साथ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली देखने गए थे और कई खामियां निकाली थी। इसके बाद डीसी के साथ बैठक में एडीसी के साथ उनका विवाद हुआ था।
सरकार का दबाव पड़ने पर उन्होंने अपनी गलती मान कर मामले को शांत किया था। दूसरे चर्चित मामले में सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा ने सिविल अस्पताल में महिला डाक्टर हरवीन कौर व स्टाफ से माफी मांगकर मामले को शांत किया। इस मामले में अस्पताल के स्टाफ ने शीतल के भाई राजन व उनके समर्थकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। अब मंगलवार को इस मामले में रमन अरोड़ा राजन को लेकर सिविल अस्पताल जाएंगे। देखना है कि इस बार माफी कौन मांगता है।
समझौता एक्सप्रेस बने दीपक बाली
आम आदमी पार्टी के नेता दीपक बाली सरकार बनने के बाद शहर में अपने स्वभाव के चलते समझौता एक्सप्रेस बनने लगे हैं। हाल ही में जालंधर में आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों व नेताओं के साथ हुए विवादों में समझौता करवाने की अहम भूमिका निभाने वाले दीपक बाली का दरबार अब शिकायतकर्ताओं से भरने लगा है। आप विधायक रमन अरोड़ा और एक पत्रकार के साथ हुए विवाद के मामले में भी दीपक बाली ने ही समझौता करवाकर दोनों पक्षों को शांत किया था।
पिछले सप्ताह शहर में सर्वाधिक चर्चा का विषय बनी तत्कालीन डीसीपी नरेश डोगरा व सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा की लड़ाई में भी उन्होंने समझौता करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी प्रकार वेस्ट विधानसभा हलके के विधायक शीतल अंगुराल और जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में एडीसी अमित सरीन के बीच हुए विवाद में भी बाली ने ही बीच में पड़कर दोनों पक्षों को शांत करवाया था।
कहीं पे तीर, कहीं पे निशाना
पिछले सप्ताह शहर में विधायक रमन अरोड़ा और तत्कालीन डीसीपी नरेश डोगरा के बीच हुए विवाद की पृष्ठभूमि जालंधर से 35 किलोमीटर दूर होशियारपुर में लिखी गई थी। चार दिनों तक इस विवाद पर पूरे शहर की नजरें जमी रही। अभी भी मामला पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। डोगरा के साथ धक्केशाही को लेकर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में भी रोष फैल रहा है तो विरोधी पार्टियां भी इस मामले को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने में लगी हुई हैं।
होशियारपुर के एक होटल में कब्जे को लेकर कुछ महीने पहले हुए विवाद की आग में अब जालंधर भी झुलसने लगा है। होटल के विवाद में डोगरा का नाम पहले भी आ चुका है और जिन दुकानदारों का विवाद जालंधर में हुआ, उनका संबंध भी उसी होटल से है। अब देखना यह है कि इस पूरे मामले में नरेश डोगरा के तबादले के बाद आगे क्या होता है।