Navratra Puja 2022: अष्टमी पर मां महागौरी के साथ कल कंजन पूजन, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
नवरात्र के दौरान व्रत रखने वाले श्रद्धालु अष्टमी या फिर नवमी वाले दिन कंजक पूजन के साथ इन्हें संपन्न करते हैं। इसके बाद ही अन्न ग्रहण किया जा सकता है। छोटी बच्चियों को भोजन तथा यथासंभव उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। कंजक पूजन के बिना नवरात्र के व्रत तथा नवरात्र के दौरान होने वाली पूजा अर्चना अधूरी है। देवी पुराण के मुताबिक चैत्र तथा शारदीय नवरात्र में अष्टमी या फिर नवमी वाले दिन 9 कन्याओं की पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के मुताबिक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कंजक पूजन करना सबसे उत्तम है।
श्री हरि दर्शन मंदिर अशोक नगर के प्रमुख पुजारी पंडित प्रमोद शास्त्री के मुताबिक इसी दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना भी की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक अष्टमी या फिर नवमी पर कंजक पूजन न करने वालों के नवरात्र पूजन भी अधूरे रहते हैं। इसी कारण अष्टमी या फिर नवमी के दिन कंजक पूजन का विधान रहा है।
अष्टमी पूजन के साथ ही खोला जाता है व्रत
पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि नवरात्र के दौरान व्रत रखने वाले श्रद्धालु अष्टमी या फिर नवमी वाले दिन कंजक पूजन के साथ इन्हें संपन्न करते हैं। इसके बाद ही अन्न ग्रहण किया जा सकता है। वह बताते हैं कि कंजक पूजन के साथ छोटी बच्चियों को भोजन तथा यथासंभव उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। जिससे देवी मां की कृपा बनी रहती है।
एक दिन पहले बाजारों में रही रौनक
कंजक पूजन के दौरान छोटी बच्चियों को भोजन करवाने के साथ ही उपहार देने की परंपरा भी शुरू से रही है। जिसे लेकर रविवार को बाजारों में दिनभर रौनक रही। इस दौरान लोगों ने स्टेशनरी से लेकर कन्फेक्शनरी तथा उपहार देने के लिए अन्य सामान की खरीदारी की। इस बारे में अटारी बाजार के दुकानदार मनीष कुमार बताते हैं कि कंजक पूजन के दौरान बच्चियों को देने के लिए सबसे अधिक मार्ग श्रृंगार तथा स्टेशनरी के सामान की रही। उन्होंने कहा कि कंजक पूजन को लेकर विशेष पैक भी तैयार किए गए हैं। जिनकी भारी मांग रही।
कंजक पूजन का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि शुरुआत
तिथि : दो अक्टूबर
समय : शाम 6.47 बजे
अष्टमी तिथि समापन
तिथि : तीन अक्टूबर
समय : शाम 4.37 बजे