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इस वर्ष भी जिला खेल विभाग को नए कोच मिलने की संभावना नहीं, जानिए वजह

खेल विभाग का कहना है कि अगर कोरोना वायरस थमता है तो सरकार इस वर्ष नए कोचों की भर्ती पर मुहर लगा देगी।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 01:18 PM (IST)
इस वर्ष भी जिला खेल विभाग को नए कोच मिलने की संभावना नहीं, जानिए वजह
इस वर्ष भी जिला खेल विभाग को नए कोच मिलने की संभावना नहीं, जानिए वजह

जालंधर, [कमल किशोर]। कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए खेल सेंटर नहीं खोले जा रहे है वहीं दूसरी तरफ खेल विभाग को नए स्थायी कोच मिलने का मामला भी लटक सकता है। विभाग ने पिछले वर्ष विभाग ने स्थायी नए कोचों की सूचि बनाकर सरकार को भेजी थी। मई 2020 में विभाग को नए कोच मिलने की संभावना थी। कोरोना वायरस ने कोचों की भर्ती ठंडे बस्ते में डाल दी है।

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कोचों की सूचि की फाइल पर सिर्फ खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी के हस्ताक्षर होने के लिए रह गए थे। फिलहाल अभी कोचों को स्थायी नियुक्ति के लिए ओर इंतराज करना पड़ेगा। खेल विभाग का कहना है कि अगर कोरोना वायरस थमता है तो सरकार इस वर्ष नए कोचों की भर्ती पर मुहर लगा देगी। वायरस ने गंभीर रुप लिया तो भर्ती अगले वर्ष के लिए टल जाएगी।

विभाग ने करीब बीस कोच की सूचि भेजी विभाग को

जिले में कुल 40 कोच है। जिसमें 17 कोच स्थायी व 23 अस्थायी कोच है। अस्थायी कोच को कम वेतन में रखा गया है। कई ब्लाक एेसे है जहां कोच नहीं है। आदमपुर व शाहकोट में कोच नहीं है। कबड्डी, खो-खो, लॉन टेनिस, शूटिंग व जूडो के कोच नहीं है।

स्विमिंग विंग में है एक कोच

स्विमिंग विंग में मात्र एक ही कोच है जो खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहा है। विभाग ने महिला विंग कोच की मांग कर रखी है। स्विमिंग की ट्रेनिंग लड़कियां भी लेने पहुंचती है। महिला कोच की जरुरत होने के बावजूद सरकार ने दूसरे कोच की तैनाती नहीं की है। हॉकी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बॉस्केटबाल, हैंडबाल, जिमनास्टिक, स्विमिंग, वॉलीबाल, एथलेटिक्स के विंग चल रहे है।

 

जिला खेल अधिकारी गुरप्रीत सिंह।

कोचों की लिस्ट सरकार को भेज चुके है

जिला खेल अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि नए कोचों की भर्ती की सूचि बनाकर राज्य खेल विभाग को भेजी जा चुकी है। खेल मंत्री की मंजूरी के बाद  जिले को इस वर्ष मई-जून में नए कोच मिलने की संभावना थी। कोरोना वायरस की गंभीरता कम होती है तो इसी वर्ष  विभाग को नए कोच मिल जाएंगे, नहीं तो अगले वर्ष मामला लटक सकता है।


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