बजट से निराशा.. शहर को न नया फोकल प्वाइंट मिला, न बिजली सस्ती करने की हुई घोषणा
सरकार की तरफ से सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट ने उद्योगपति निराश हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर
सरकार की तरफ से सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट ने उद्योगपतियों व कारोबारियों को निराश किया है। इसको लेकर शहर के उद्योगपतियों व कारोबारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। न नया फोकल प्वाइंट मिला, न खेल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा हुई। सरकार ने बिजली भी सस्ती नहीं की। बजट से पहले उद्योगपतियों व कारोबारियों से सुझाव मांगे गए थे, उनको भी तवज्जो नहीं मिली। उद्योगपतियों ने कहा कि माइक्रो, स्माल, मीडियम एंटरप्रेन्योर (एमएसएमई) सेक्टर से लेकर बड़ी इंडस्ट्री तक के लिए बजट में कुछ नहीं पेश किया गया। खेल उद्योग को उम्मीद थी कि नया रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर बनाने की घोषणा की जाएगी, लेकिन उसमें भी निराशा हाथ लगी।
जालंधर इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने कहा कि बजट में इंडस्ट्री की अपग्रेडेशन के लिए कोई स्कीम घोषित नहीं की गई है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू हो गया था, लेकिन वैट असेसमेंट के मसले आज तक हल नहीं हुए। इंडस्ट्री की सस्ती बिजली की मांग कई वर्षो से निरंतर चली आ रही है और मौजूदा सरकार के समक्ष भी रखी गई थी, लेकिन बजट में उसे लेकर भी घोषणा नहीं की गई है। साफ-सुथरे वातावरण के लिए एनवायरमेंट स्कीम बजट में घोषित ही नहीं की गई है। बजट मात्र वोट बैंक के मद्देनजर बनाया गया है। बजट से पहले सुझाव लिए थे तो उन पर विचार भी करते : मुकुल वर्मा
स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव एवं सावी इंटरनेशनल के संचालक मुकुल वर्मा ने कहा कि बजट को देखकर ऐसा हरगिज नहीं लगा है कि इंडस्ट्री के लिए कुछ दिया गया है। बजट से पहले सुझाव लिए थे तो उन पर विचार किया जाना चाहिए था। इंडस्ट्री से जुड़े अहम मसले जैसे चेंज आफ लैंड यूज (सीएलयू) एवं इंडस्ट्री की एक्सपेंशन के लिए लोकल बाडीज से संबंधित मसले थे, लेकिन उनमें भी राहत नहीं दी गई है। बजट में शिक्षा और चिकित्सा के लिए घोषणाएं हुई हैं। अच्छी बात है और उन्हें पूरा करना चाहिए, लेकिन इंडस्ट्री को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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इंडस्ट्री को लेकर उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण : बलराम कपूर
जालंधर आटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन के चेयरमैन एवं जेएमपी इंडस्ट्रीज के संचालक बलराम कपूर ने कहा कि इंडस्ट्री को लेकर उदासीनता दुर्भाग्यपूर्ण है। रेवेन्यू जेनरेशन से लेकर रोजगार तक देने वाली इंडस्ट्री की कुछ समस्याएं हैं, जिनके बारे में सरकार को बताया जा चुका था। बजट एक ऐसा मौका होता है जब आप साल भर के लिए किसी एक सेक्टर को संबल प्रदान करने की स्थिति में होते हैं। शहर की इंडस्ट्री सस्ती बिजली, नए फोकल प्वाइंट उपलब्ध करवाने, जमीन की एनहांसमेंट खत्म करने जैसी मांग लगातार कर रही है। इन मसलों को हल किया जाना चाहिए था। राज्य औद्योगिक विकास के बिना तरक्की नहीं कर सकता: एसपीएस राजू विर्क
हाक लेदर्स के एमडी एसपीएस राजू विर्क ने कहा कि सरकार ने बजट में शहर को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। उद्योगों के उत्थान के लिए कोई घोषणा अथवा कोई योजना पेश नहीं की गई। जीएसटी राजस्व बढ़ा है और लगातार बढ़ ही रहा है। उसका बड़ा कारण कीमतों में हो रही अत्यधिक वृद्धि है। औद्योगिक विकास लगभग शून्य है। कोई भी राज्य औद्योगिक विकास के बिना तरक्की नहीं कर सकता और वर्तमान हालात में वैसे ही पंजाब के लघु उद्योग सिसक रहे हैं। लघु उद्योगों की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण है।
हल नहीं हुआ जमीन की एनहांसमेंट का मसला : आरके गांधी
स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कांप्लेक्स के चेयरमैन आरके गांधी ने कहा कि जमीन की एनहांसमेंट का मसला दशकों बीत जाने के बावजूद इंडस्ट्री संचालकों को परेशान किए हुए है। इंडस्ट्री के मूलभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए घोषणा होनी चाहिए थी, लेकिन बजट में ऐसा कोई प्रविधान नहीं है। सरकार बनने से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने उद्योगपतियों से वादा किया था कि पहली ही बैठक में एनहांसमेंट का मसला खत्म कर दिया जाएगा। सीएलयू चार्जेस खत्म कर दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।