Move to Jagran APP

श्री देवी तालाब मंदिर खुलने व बंद होने का समय बदला, बढ़ती ठंड को देखते हुए प्रबंधक कमेटी फैसला

प्रबंधक कमेटी ने वर्तमान में तड़के 4.30 बजे कपाट खोलने का समय बदलकर अब सुबह 5 बजे कर दिया है। अब शाम की आरती 6 बजे के स्थान पर 5.40 पर हुआ करेगी। इसी तरह देवी देवताओं को रात 8.50 बजे शयन करवाया जाएगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 03:43 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 05:03 PM (IST)
श्री देवी तालाब मंदिर खुलने व बंद होने का समय बदला, बढ़ती ठंड को देखते हुए प्रबंधक कमेटी फैसला
सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर का पुराना चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। बढ़ती ठंड के कारण सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर के खुलने तथा बंद होने के समय में परिवर्तन किया गया है। प्रबंधक कमेटी ने वर्तमान में तड़के 4.30 बजे कपाट खोलने का समय बदलकर अब सुबह 5 बजे कर दिया है। इसी तरह सुबह 5 बजे होने वाली प्रथम आरती पूजा का समय बढ़ाकर 5.30 बजे कर दिया गया है।

loksabha election banner

श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज ने बताया कि अब शाम की आरती 6 बजे के स्थान पर 5.40 पर हुआ करेगी। इसी तरह देवी देवताओं को रात 8.50 बजे शयन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि रात 9 बजे मंदिर के कपाट बंद करने का समय निर्धारित किया गया है। गर्मी के सीजन में रात 9.30 बजे मंदिर के कपाट बंद किए जाते थे।

मंगलवार और शुक्रवार को छोड़कर दिन में 1 से 2 बजे कपाट बंद

उन्होंने बताया कि रविवार मंगलवार तथा शुक्रवार को छोड़कर बाकी के दिन दोपहर 1 से 2 बजे तक मंदिर के कपाट बंद रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि सर्दी के सीजन के शुरू होने के चलते उक्त फैसला लिया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से इसी समय अवधि के मुताबिक मंदिर आने का आह्वान भी किया।

माता सती से जुड़ा है मंदिर का इतिहास

श्री देवी तालाब मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहीं पर श्री सिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरमालिनी का धाम है। मंदिर के विशाल पवित्र सरोवर है का नाम देश के प्रसिद्ध 108 सरोवरों में लिया जाता है। इस मंदिर का इतिहास माता सती से जुड़ा हुआ है।

श्री देवी तालाब मंदिर में हर वर्ष होता है हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन

श्री देवी तालाब मंदिर में बाबा हरि बल्लभ जी ने भी शरण ली थी। यहीं बाबा हरीवल्लभ ध्रुपद गाते थे। उनकी ख्याति दूर-दूर तक थी। उनकी याद में हर साल दिसंबर महीनें में मंदिर परिसर में प्रसिद्ध हरीवल्लभ संगीत महोत्सव करवाया जाता है।

यह भी पढ़ें - जालंधर की शानः बड़े-बड़े डाक्टरों के गुरु हैं डा. रवि पाल, पहले बाल रोग विशेषज्ञ जिन्होंने शहर में शुरू की निजी प्रैक्टिस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.