शहीदों के संघर्ष से रूबरू करवाता है जालंधर का देश भगत यादगार हाल, विदेश में भी मशहूर है 'मेला बाबा गदरियां दा'
जालंधर शहर का देश भगत यादगार हाल 1992 में बनाया गया था। यह हाल देशभर में प्रचलित हो गया है। यहां लगने वाले मेला बाबा गदरी दा में शामिल होने के लिए देश व विदेश से लोग आते हैं।
जालंधर, [प्रियंका सिंह]। देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शूरवीरों की यादों को संजोए रखने एवं नौजवान वर्ग में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए जालंधर शहर में विभिन्न स्मारक और म्यूजियम बनाए गए हैं। उन्हीं में से एक है शहर का सबसे प्रसिद्ध देश भगत यादगार हाल, जोकि बस स्टैंड से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। 1992 में बनाया गया यह हाल देशभर में प्रचलित हो गया है। यहां लगने वाले 'मेला बाबा गदरियां दा' में शामिल होने के लिए देश व विदेश से लोग आते हैं। इस हाल में हर दिन किसी न किसी सेमीनार का आयोजन होता रहता है।
संग्रहालय में मौजूद हैं 300 से अधिक शहीदों की तस्वीरें
देश भगत यादगार संग्रहालय में देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए संघर्ष करते हुए शहीद हुए गदर एवं अन्य आंदोलनों के शूरवीरों की तस्वीरें रखी गई हैं। जालंधर शहर का यह एकमात्र ऐसा संग्रहालय है, जिसमें 300 से भी अधिक क्रांतिकारियों की पेंटिंग्स और फोटो को चित्रित किया गया है। शहीदों की तस्वीरें व पेंटिंग्स नौजवान वर्ग में देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए एवं उन्हें शहीदों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रदर्शित की गई हैं। इसके अलावा संग्रहालय में पगड़ी संभाल जट्टा के इंकलाब दीवानों की भी तस्वीर भी रखी गई हैं।
जालंधर के देश भगत यादगार हाल में सबसे बड़ा पुस्तक मेला लगता है।
सबसे प्रसिद्ध है 'मेला बाबा गदरी दा'
जालंधर शहर का 'मेला बाबा गदरियां दा' बहुत ही प्रसिद्ध मेला है। हर साल नवंबर में गदरियों की याद में यह मेला बड़ी धूमधाम से करवाया जाता है। इस मेले में शामिल होने के लिए कनाडा, अमेरिका जैसे देशों से भी लोग आते हैं। इस मेले में सबसे बड़ा पुस्तक मेला भी लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में पुस्तकें प्रदर्शित की जाती हैं। यह पुस्तकें ज्यादातर क्रांतिकारियों संबंधित ही होती हैं।
जालंधर के देश भगत यादगार हाल में सभ्याचार एवं शहीदों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
संग्रहालय में हैं 5 हाल
देश भगत यादगार संग्रहालय में टोटल पांच हाल हैं, जिसमें से एक एसी हाल है, जहां 200 लोगों के बैठने के लिए जगह है। समय-समय पर इन हाल में सभ्याचार एवं शहीदों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विभिन्न शहरों से लोग आकर इन हाल में अपना कार्यक्रम या सेमिनार करवाते हैं और हर मुद्दे पर विचार विमर्श किया जाता है।
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