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सिविल अस्पताल में इलाज करवाने आएं तो चादर और कंबल साथ लाएं Jalandhar News

अस्पताल में 1500 के करीब चादर और 550 कंबल हैं। अस्पताल की बेड क्षमता 547 तक पहुंच चुकी है। पर्याप्त स्टॉक के बाद भी मरीजों को चादर और कंबल नहीं दिए जाते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 09:49 AM (IST)
सिविल अस्पताल में इलाज करवाने आएं तो चादर और कंबल साथ लाएं Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। कड़ाके की ठंड के बावजूद सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को चादर और कंबल नसीब नहीं हो रहे हैं। मरीज कंबल व चादरें अपने घर से ला रहे हैं। अस्पताल प्रशासन वार्ड से चादरें व कंबल चोरी होने की बात कहकर इन्हें मरीजों को मुहैया करवाने से पल्ला झाड़ रहा है। दूसरी ओर चादर और कंबल दान देने वाली संस्था के पदाधिकारी इसमें घालमेल की आशंका जताते हुए विजिलेंस जांच करवाने की बात कर रहे हैं। 

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सिविल अस्पताल में विभाग की सप्लाई के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं व रोगी कल्याण समिति से बड़ी संख्या में चादरें खरीदी जा चुकी हैं। अस्पताल में 1500 के करीब चादर और 550 कंबल हैं। अस्पताल की बेड क्षमता 547 तक पहुंच चुकी है। मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में स्टॉक होने के बावजूद उन्हें ठंड से बचाव के लिए चादर और कंबल घर से लाना पड़ रहा है। वार्डों में कई मरीज बिना चादर लेटे हुए हैं। जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल महिला के परिजन रमेश चंद्र का कहना है कि उनकी पत्नी मंगलवार से दाखिल है। तबीयत खराब होने पर जल्दबाजी में घर से बिना चादर और कंबल के अस्पताल पहुंच गए थे। अस्पताल के स्टाफ से कंबल और चादर मांगी तो उन्होंने स्टॉक में न होने की बात कह कर टाल दिया। इसके बाद घर से कंबल व चादर मंगवानी पड़ी।

अधिकारी के दौरे पर नई चादर और कंबल नसीब होते हैं

सिविल अस्पताल में डीएनबी या कायाकल्प की टीम व आला अधिकारी के दौरे के दौरान ही मरीजों को नई चादरें और कंबल नसीब होते हैं। टीम के जाते ही मौके पर तैनात स्टाफ उसे समेटकर अलमारी में बंद कर देता है।

कंबलों और चादरों में घालमेल की आशंका

जिला मॉनिटरिंग कमेटी के सचिव व जालंधर वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सुरिंदर सैनी ने सिविल अस्पताल में चादरों व कंबलों का स्टॉक पूरा होने के दावों को खोखला बताया है। अगर स्टॉक है तो मरीजों को सुविधा क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने स्टॉक में घालमेल होने की आशंका जताई है। उन्होंने जिला प्रशासन से मॉनिटरिंग और विजिलेंस से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनों की ओर से अस्पताल में चादर व कंबल दान देने के बावजूद मरीजों तक नही पहुंच रहे हैं। नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी से कन्नी कतराकर मरीजों को चादरें व कंबल नहीं दे रहा।

वार्डों में तैनात स्टाफ कहता है कि मरीज अपने सामान के साथ चादर और कंबल घर पर ले जाते हैं। अस्पताल के पास पर्याप्त मात्रा में कंबल व चादरें हैं। इन पर अस्पताल का मार्का लगाकर मरीजों को जारी की जाएंगी। स्टाफ को भी मरीज को छुट्टी होने पर उससे चादर व कंबल वापस लेने के बाद ही छुट्टी देने की हिदायत दी जाएगी।

 

-डॉ. चन्नजीव सिंह, एसएमओ, सिविल अस्पताल।

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