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जालंधर बाल तस्करी केस में बिहार से आज आएगी सोशल इंवेस्टीगेशन रिपोर्ट, घरवालों से मिलेंगे 13 बच्चे!

बिहार से जालंधर में लाकर बच्चों को बेचने का मामला लंबा खिंचता जा रहा है। बाल मजदूरी मामले में जालंधर से बरामद चालीस बच्चों में से 27 बच्चे तो अपने मां-बाप के पास पहुंच गए थे लेकिन बाकी बचे 13 बच्चे अभी भी राजपुरा में हैं।

By Edited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 08:30 AM (IST)
जालंधर बाल तस्करी केस में बिहार से आज आएगी सोशल इंवेस्टीगेशन रिपोर्ट, घरवालों से मिलेंगे 13 बच्चे!
बिहार से जालंधर में लाकर बच्चों को बेचने का मामला लंबा खिंचता जा रहा है।

संवाद सहयोगी, जालंधर बिहार से जालंधर में लाकर बच्चों को बेचने का मामला लंबा खिंचता जा रहा है। बाल मजदूरी मामले में जालंधर से बरामद चालीस बच्चों में से 27 बच्चे तो अपने मां-बाप के पास पहुंच गए थे, लेकिन बाकी बचे 13 बच्चे अभी भी राजपुरा में हैं। उम्मीद है कि सोमवार को बिहार से सोशल इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट (एसआइआर) आ सकती है, जिसके बाद इन बच्चों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। रविवार तक एसआइआर नहीं आने के बाद जालंधर के अधिकारियों ने इस संबंध में बिहार के अधिकारियों से बातचीत की है। वहां से सोमवार तक उनकी एसआइआर रिपोर्ट आने की बात कही गई है। उसी दिन बच्चों के परिजन भी आ सकते हैं। उधर, फरार चल रहे मुख्य आरोपित प्रवेश सदा की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। बिहार में गिरफ्तार मन्नू को पुलिस ने जेल भेज दिया है और उसकी निशानदेही पर प्रवेश के कई रिश्तेदारों के घरों पर भी पुलिस ने छापामारी की, लेकिन सभी फरार निकले। बिहार पुलिस ने जताई आपत्ति, कहा-जालंधर पुलिस नहीं कर रही सहयोग बिहार पुलिस ने आपत्ति जताई है कि जालंधर पुलिस उनके साथ कोई सहयोग नहीं कर रही और न ही सहयोग मांग रही है। उनका कहना था कि जालंधर पुलिस मन्नू को प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए भी बिहार नहीं पहुंची। एसआइटी इंचार्ज एसीपी बिमलकांत ने बताया कि इस मामले में मन्नू को प्रोडक्शन वारंट पर लाने के लिए अदालत में अर्जी दायर की जाएगी। वहीं आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह है मामला बीते दिनों बिहार के खगड़िया जिले के मोहन सदा ने बचपन बचाओ आंदोलन संस्था को शिकायत की थी कि उसके बेटे को प्रवेश सदा नाम के व्यक्ति ने जालंधर लाकर बेचा है। इसके बाद बचपन बचाओ आंदोलन की अगुआई में पुलिस ने गांव फोलड़ीवाल के पास एक फार्म हाउस में काम कर रहे 40 बच्चों को मुक्त करवाया था। पुलिस जांच में सामने आया था कि बच्चों को बिहार से लाकर जालंधर में बेचा गया था। प्रवेश बिहार से लाए बच्चों को अन्य शहरों में भी बेचता था। वह बच्चों को तंग कमरे में रखकर उन्हें यातनाएं भी देता था। बाद में आरोपित ने मन्नू नामक व्यक्ति को शिकायतकर्ता मोहन का उसका बच्चा लौटाने के लिए भेजा तो वहां पुलिस ने मन्नू को गिरफ्तार कर लिया था।

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