प्रशासन का दावा पांच ट्रेनों से 6400 श्रमिकों को भेजा, रेलवे ने कहा मात्र 4423 गए
स्टेशन सुपरिंटेंडेंट की मानें तो इन चारों ट्रेनों में कुल 2823 यात्रियों ही रवाना हुए। गया के लिए 340 मधुबनी के लिए 684 पूर्निया के 930 और सीवान के लिए 1169 श्रमिक रवाना हुए।
जालंधर, जेएनएन। श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए सोमवार को पांच ट्रेनें चलाई गईं। प्रशासन ने दावा किया है कि इन ट्रेनों से 6400 श्रमिकों को भेजा गया, जबकि हकीकत इससे उल्ट है। हालात ऐसे हो गए हैं कि कई ट्रेनों को कम यात्री मिलने के बाद भी रवाना कर दिया गया। मंगलवार को पांच ट्रेनें गया, मधुबनी, पूर्णिया सीवान और गोरखपुर के लिए रवाना हुईं। प्रशासन ने दावा किया है कि गया, मधुबनी, पूर्णिया और सीवान जाने वाली ट्रेनों में 1200-1200 श्रमिकों के साथ कुल 4800 श्रमिकों को रवाना किया गया। वहीं रेलवे के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट की मानें तो इन चारों ट्रेनों में कुल 2823 यात्रियों को ही रवाना किया गया।
इनमें गया के लिए 340, मधुबनी के लिए 684, पूर्निया के 930 और सिवान के लिए 1169 श्रमिक रवाना हुए हैं। हालांकि देर रात को गोरखपुर के 1600 यात्रियों के साथ ट्रेन रवाना हुईं। ऐसे में रेलवे तो मुनाफे में है पर सरकार कोई इसका घटा जरूर पड़ रहा है। क्योंकि रेलवे अपनी ट्रेन की पूरी कीमत सरकार से पहले ही वसूल रही है। ट्रेनों के लिए सरकार की तरफ से 52. 17 लाख रुपए खर्च किए गए। इस बात की पुष्टि स्टेशन सुपरिंटेंडेंट आरके बहल ने भी की है। जालंधर से करीब 96000 यात्रियों की तरफ से रजिस्ट्रेशन करवाई गई थी और प्रशासन का दावा है वह 87000 श्रमिकों को अपने गृह राज्य वापस भेज चुका है।
अब सवाल यह उठता है कि जब लोग अब भी अपने घर जाने के लिए प्रशासन की ओर से बनाए गए सेंटर में जमा हो रहे हैं तो वे कहां जाना चाहते हैं और प्रशासन ने उनके लिए क्या प्रबंध किए हैं।
किस ट्रेन पर कितना खर्च हुआ और कितने यात्री रवाना हुए
स्टेशन खर्च यात्री रवाना
गया 9.68 लाख 340
मधुबनी 10.80 लाख 684
पूर्णिया 11.20 लाख 930
सीवान 8.88 लाख 1169
गोरखपुर 8.32 लाख 1600