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जालंधर में एडहाक कमेटियों के चेयरमैनों ने पकड़ी Smart City के कामों में गड़बड़ी, विधानसभा कमेटी को देंगे रिपोर्ट

नगर निगम की एडहाक कमेटियों ने अब ग्राउंड लेवल पर विकास कार्यों की जांच शुरू कर दी है। कमेटियों के चेयरमैनों का फोकस स्मार्ट सिटी के काम पर है। शहर में लाखों रुपये के फंड से किए गए काम में कमेटियों को गड़बड़ी मिली है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 07:39 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 07:39 AM (IST)
जालंधर में एडहाक कमेटियों के चेयरमैनों ने पकड़ी Smart City के कामों में गड़बड़ी, विधानसभा कमेटी को देंगे रिपोर्ट
पार्क में लगे झूलो की हालत की जांच करते चेयरमैन पवन कुमार और मनदीप जस्सल।

जागरण संवाददाता, जालंधर। अफसरों के सहयोग नहीं मिलने से नाराज चल रही नगर निगम की एडहाक कमेटियों ने अब ग्राउंड लेवल पर विकास कार्यों की जांच शुरू कर दी है। कमेटियों के चेयरमैनों का फोकस स्मार्ट सिटी के काम पर है। सबसे पहले नकोदर रोड पर बूटा मंडी स्थित डा. बीआर आंबेडकर पार्क की जांच की गई। लाखों रुपये के फंड से किए गए काम में कमेटियों को गड़बड़ी मिली है। कमेटियों के चेयरमैन इसकी शिकायत 19 जुलाई को जालंधर आ रही विधानसभा कमेटी से करेंगे।

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पार्क में जांच के लिए पहुंचे चेयरमैन बलराज ठाकुर, निर्मल सिंह निम्मा, पवन कुमार, गुरविंदर सिंह बंटी नीलकंठ, जगदीश गग, तरसेम लखोत्रा, मनदीप जस्सल, मोहिंदर सिंह गुल्लू ने पार्क का मुआयना किया और कहा कि स्मार्ट सिटी फंड के लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी पार्क की हालत बेहद खराब है। झूले टूट चुके हैं और फर्श उखड़ा हुआ है। बलराज ठाकुर ने कहा कि पार्षद लगातार यह कह रहे हैं कि स्मार्ट सिटी फंड का दुरुपयोग हो रहा है और इनके सभी प्रोजेक्ट में पार्षदों को शामिल किया जाना जरूरी है। इससे काम पर नजर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि पार्क में विकास कार्य करने वाले ठेकेदार पर ही मरम्मत की जिम्मेवारी है लेकिन वह कोई रखरखाव नहीं कर रहा।

कमेटियों के चेयरमैनों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर रिपोर्ट तैयार करके विधानसभा कमेटी के समक्ष रखेंगे। ठाकुर ने कहा कि स्मार्ट सिटी कंपनी के सभी प्रोजेक्ट और हर काम में कहीं ना कहीं कोई गड़बड़ी हुई है। विधानसभा कमेटी से मांग करेंगे कि इन प्रोजेक्ट की जांच की जाए। यह भी मांग रखेंगे कि सरकार से इन प्रोजेक्ट में पार्षदों की भूमिका भी तय करवाई जाए। उन्होंने विधानसभा कमेटी के समक्ष इन सभी मुद्दों पर बात रखने से स्मार्ट सिटी के फंड का दुरुपयोग नहीं होगा। बता दें कि नगर निगम के चेयरमैन और अफसरों में टकराव चल रहा है। कमेटियों की सिफारिशों पर अफसर काम नहीं कर रहे हैं। कमेटियों कई मामलों में गड़बड़ी ढूंढ चुकी है और एक्शन की सिफारिश कर रही है लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।


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